नई दिल्ली : उड़ान परिचालन बंद कर चुकी जेट एयरवेज के ऋणदाता बैंक अब उसके 15 विमानों को इस्तेमाल में लाने की संभावनाओं को टटोलने लगे हैं. इसके साथ ही वह संबंधित प्रशासन के साथ एयरलाइन को आवंटित उड़ान समयसारिणी सहित तमाम मूल्यवान संपत्तियों की सुरक्षा पर भी बातचीत कर रहे हैं. बैंकिंग सूत्रों ने यह जानकारी दी है.
भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाला कर्जदाता बैंकों का समूह फिलहाल एयरलाइन के लिये बोली प्रक्रिया के पूरा होने की प्रतीक्षा कर रहा है. इसके साथ ही समूह की नजर एयरलाइन की उपलब्ध संपत्तियों से धन जुटाने के विकल्पों पर भी है.
निजी क्षेत्र की एयरलाइन जेट एयरवेज ने पिछले 26 साल तक देश के लोगों को विमान सेवायें देने के बाद बुधवार को अपना परिचालन अस्थाई तौर पर बंद करने की घोषणा की है. जेट एयरवेज के अपने विमानों को खड़ा कर देने के फैसले से उससे जुड़े करीब 20 हजार कर्मचारियों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया.
सूत्रों ने बताया कि स्टेट बैंक के नेतृत्व में बैंकों का समूह एयर इंडिया के प्रस्ताव पर भी सक्रियता के साथ विचार कर रहा है. एयर इंडिया ने जेट एयरवेज के पांच बड़े विमानों को पट्टे पर लेने में रुचि दिखाई है. कर्जदाता बैंक समूह मानता है कि विमानों का इस्तेमाल होते रहने से इन्हें बेहतर हालात में बनाये रखने में मदद मिलेगी साथ ही राजस्व भी अर्जित किया जा सकेगा. जेट एयरवेज के पास 16 विमान हैं. इनमें 10 बड़े आकार वाले बोइंग 777-300ईआर विमान हैं, जबकि शेष पट्टे पर हैं. पूर्ण विमान सेवा देने वाली इस एयरलाइन के पास पिछले साल अंत तक 120 से ज्यादा विमान उसके बेड़े में शामिल थे.
सूत्रों का कहना है कि कर्जदाता बैंक पूरी सक्रियता के साथ एयरलाइन की स्थिति पर नजर रखे हुये हैं और जेट एयरवेज की मौजूदा स्थिति के लिये उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता है. नौ माह से जब से एयरलाइन को नकदी में नुकसान होने लगा था, वे (कर्जदाता बैंक) कंपनी के साथ सक्रियता के साथ बातचीत में जुटे हैं और प्रबंधन से संकट के समाधान के लिये पक्की योजना लाने का आग्रह करते रहे हैं.