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180 दिन में हल हो सकती है जेट एयरवेज की समस्या

वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि बैंकों ने मंत्रालय को बताया है कि वह जेट एयरवेज एयरलाइंस के कर्ज चुकाने का इंतजार और अधिक नहीं कर सकते. अगर एयरलाइंस किसी निवेशक को लाने में कामयाब नहीं हो पाती तो बैंक 30 जून तक जेट एयरवेज को दिवालिया घोषित करने की कार्रवाई शुरू कर देंगे.

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Published : Apr 8, 2019, 8:36 AM IST

नई दिल्ली : स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की अगुवाई में सभी पब्लिक सेक्टर बैंकों ने खुद को जेट एयरवेज की समस्या का समाधान करने के लिए 180 दिनों का समय दिया है. समय पर कर्ज नहीं चुकाए जाने के आरबीआई के सर्कुलर को जबकि सुप्रीम कोर्ट अमान्य घोषित कर चुका है.

वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि बैंकों ने मंत्रालय को बताया है कि वह जेट एयरवेज एयरलाइंस के कर्ज चुकाने का इंतजार और अधिक नहीं कर सकते. अगर एयरलाइंस किसी निवेशक को लाने में कामयाब नहीं हो पाती तो बैंक 30 जून तक जेट एयरवेज को दिवालिया घोषित करने की कार्रवाई शुरू कर देंगे.

सूत्रों ने कहा है कि जेट एयरवेज को इस समस्या से निकालने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. पंजाब नेशनल बैंक और एसबीआई ने पहले ही एयरलाइंस को 1,500 करोड़ रुपये का अतरिक्त धन मुहया कराया है.

उन्होंने आगे कहा कि अब सारा ध्यान इस बात पर है कि एयरलाइंस को एक महत्वपूर्ण निवेशक मिल सके, लेकिन यदि ऐसा नहीं होता है तो बैंक और ज्यादा इंतजार नहीं करेंगे और इस मामले को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के पास निपटारे के लिए भेज देंगे.

ये भी पढ़ें : आठ अप्रैल से शुरू हो सकती है जेट एयरवेज की बोली प्रक्रिया

जेट को पहला भुगतान 31 दिसंबर को करना था, पर अब 180 दिन का समय मिलने के बाद यह तारीख 30 जून हो गई है.

एनसीएलटी के पास मामला जाने पर बैंकों को अलग से 180 दिनों के अंदर कर्ज वापस लेने के लिए एक रूपरेखा बनानी होगी जरूरत पड़ने पर वह 90 दिन का अतरिक्त समय ले सकते हैं, इसके बाद संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है.

नाम नहीं बताने की शर्त पर पब्लिक बैंक सेकटर के अधिकारी ने कहा, "हम 180 दिनों तक प्रतीक्षा करेंगे, जो आरबीआई के सर्कुलर के निर्देश अनुसार है. हर दिन जेट एयरवेज की समस्या बढ़ती जा रही है ऐसे में मामले को खिंचने से अच्छा है कि इसे दिवालिया घोषित कर दिया जाए, नहीं तो एयरलाइंस पर कर्ज बढ़ता ही जाएगा."

मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई के 12 फरवरी 2018 के सर्कुलर को असामान्य कहा था जिसमें बैंकों को कर्ज वापस नहीं मिलने पर एक दिन की भी देरी से प्रस्ताव लाने की बात कही गई थी. इस प्रस्ताव के चलते किसी खाते को दिवालिया घोषित करने के लिए 180 दिन का समय दिया जाता.

सर्वोच्च न्यायालय के इस आदेश के बाद जाहिर था कि बैंक प्रस्ताव लाने के लिए समय लेंगे, लेकिन जेट एयरवेज के मामले में पब्लिक सेक्टर बैंक इस अवधि को बढ़ाना नहीं चाहते हैं.

इस बीच, शनिवार को अधिकारियों ने एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रस्ट (ईओआई) के तहत आवेदन मांगे हैं जो जेट एयरवेज में स्टेक लेना चाहते हैं. ईओआई को 9 अप्रैल तक जमा करना होगा.

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