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जेट एयरवेज को कर्ज देने वालों को चार जुलाई तक दावे जमा करने का निर्देश

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Published : Jun 24, 2019, 11:40 PM IST

ठप खड़ी एयरलाइन पर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुवाई वाले 26 बैंकों के गठजोड़ का 8,500 करोड़ रुपये का बकाया है. एयरलाइन को अपने सैकड़ों वेंडरों और 23,000 के करीब कर्मचारियों का 13,000 करोड़ रुपये चुकाना है.

जेट एयरवेज को कर्ज देने वालों को चार जुलाई तक दावे जमा करने का निर्देश

मुंबई:निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी जेट एयरवेज के निपटान पेशेवर ने कंपनी के कर्जदाताओं को अपने दावे चार जुलाई तक जमा कराने का निर्देश दिया है. पिछले सप्ताह जेट एयरवेज को दिवाला प्रक्रिया के लिए राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के पास भेजा गया है.

ठप खड़ी एयरलाइन पर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुवाई वाले 26 बैंकों के गठजोड़ का 8,500 करोड़ रुपये का बकाया है. एयरलाइन को अपने सैकड़ों वेंडरों और 23,000 के करीब कर्मचारियों का 13,000 करोड़ रुपये चुकाना है.

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निपटान पेशेवर ग्रांट थॉर्नटन के आशीष छौछरिया ने सार्वजनिक सूचना में कहा, "जेट एयरवेज के कर्जदाताओं को प्रमाण के साथ अपने दावे चार जुलाई तक अंतरिम निपटान पेशेवर के पास जमा कराने होंगे. वित्तीय ऋणदाताओं को अपने दावे प्रमाण के साथ इलेक्ट्रॉनिक तरीके से जमा कराने होंगे." इसमें कहा गया है कि सभी ऋणदाताओं को व्यक्तिगत रूप से, डाक से या इलेक्ट्रॉनिक तरीके से अपने दावे प्रमाण के साथ जमा कराने होंगे.

25 मार्च से जेट एयरवेज के ऋणदाताओं के पास एयरलाइन की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है. ऋणदाताओं ने 17 जून को जेट एयरवेज के पुनरूद्धार का प्रयास छोड़ते हुए इसके मामले को दिवाला प्रक्रिया के तहत भेजने का फैसला किया था. जेट एयरवेज का परिचालन 17 अप्रैल से बंद है.

जेट एयरवेज के लिए एतिहाद-हिंदुजा गठजोड़ की जो शुरुआती बोली मिली थी, उसमें बैंकों से अपने बकाया कर्ज पर 90 से 95 प्रतिशत तक का नुकसान उठाने को कहा गया था. साथ ही इसमें खुली पेशकश के नियमों से भी छूट मांगी गई थी. बैंकों के लिए इस पर सहमत होना संभव नहीं था. एनसीएलटी ने 20 जून को एसबीआई द्वारा एयरलाइन के खिलाफ दायर दिवाला याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया था.

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