बेंगलुरु: कैफे कॉफी डे (सीसीडी) के संस्थापक वी.जी. सिद्धार्थ ने न केवल शहरी भारत को एक पसंदीदा हैंगआउट स्थान दिया है, बल्कि देश में कॉफी खपत के अनुभव को भी बदल दिया है. वास्तव में सीसीडी के स्लोगन, 'एक कॉफी पर बहुत कुछ हो सकता है' से प्रभावित होकर सिद्धार्थ यह साबित करने में लग गए कि कॉफी के इर्द गिर्द काफी व्यापार हो सकता है.
एक कॉफी बगान के मालिक के बेटे होने से लेकर राज्य के मुख्यमंत्री की बेटी से शादी करने तक और देश के सबसे बड़े कॉफी कैफे की श्रृंखला बनाने के लिए वीजी सिद्धार्थ ने बड़ी कंपनियों के निर्माण में भाग लिया है. यह ध्यान देने योग्य है कि सिद्धार्थ ने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एस एम कृष्णा की बेटी से शादी की है. कृष्णा ने देश के विदेश मंत्री और महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में भी काम किया है.
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वीजी सिद्धार्थ के लापता होने के साथ ही मंगलुरु के पास नेत्रावती नदी स्थल पर खोज अभियान चल रहा है. आइए हम एक नजर उनकी कहानी पर डालते हैं.
- सिद्धार्थ कर्नाटक से ताल्लुक रखने के वाले एक भारतीय व्यापारी हैं. उनका परिवार 130 से अधिक वर्षों से कॉफी के व्यवसाय में है. वर्ष 1996 में बेंगलुरु में एक आउटलेट के साथ सीसीडी शुरु करने से पहले, सिद्धार्थ ने स्टॉक ट्रेडिंग में भी कार्य किया है.
- उन्होंने 1983 में मुंबई में जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड में भारतीय स्टॉक मार्केट में एक प्रबंधन इंटर्न ट्रेडिंग के रूप में अपना कैरियर शुरू किया.
- सिद्धार्थ दो साल बाद बेंगलुरु वापस लौट आए और 30,000 रुपये में सिवान सिक्योरिटीज नाम की कंपनी का शेयर बाजार कार्ड खरीदा, जिसका वर्ष 2000 में नाम बदलकर वेटूवेल्थ सिक्योरिटीज लिमिटेड कर दिया गया.
कॉफी का कारोबार
सिद्धार्थ ने एक जर्मन कॉफी श्रृंखला टचीबो के मालिकों के साथ एक चैट से प्रेरित होकर भारत में अपना स्वयं का कैफे श्रृंखला खोलने का फैसला किया. उन्होंने 11 जुलाई, 1994 को बेंगलुरु में अपना कैफे कॉफी डे आउटलेट स्थापित किया, जिसता टैगलाइन था, "एक कॉफी पर पर बहुत कुछ हो सकता है."