मुंबई: प्रधान आयकर आयुक्त कार्यालय ने 31 अक्टूबर को अपने आदेश में टाटा के 6 ट्रस्टों के रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिए. इसमें जमशेदजी टाटा ट्र्स्ट, आरडी टाटा ट्रस्ट, टाटा एजुकेशन ट्रस्ट, टाटा सोशल वेलफेअर ट्रस्ट, सार्वजनिक सेवा ट्रस्ट और नवाजभाई रतन टाटा ट्रस्ट शामिल हैं.
इस बारे में टाटा समूह की तरफ से बयान जारी करते हुए कहा गया है कि 2015 में सभी ट्रस्ट ने निर्णय लिया था कि वो अपने रजिस्ट्रेशन को वापस कर देंगे. इसके साथ ही वो ट्रस्ट के नाम पर किसी तरह की आयकर रियायत नहीं लेंगे. ट्रस्ट पहले की तरह अपने परोपकारी कार्य करते रहेंगे.
आयकर विभाग ने टाटा समूह के 6 ट्रस्टों के रजिस्ट्रेशन रद्द किए - Income Tax Dept cancels I-T registration of six Tata Trusts
आयकर विभाग ने टाटा ट्रस्ट्स के तहत चलने वाली छह संस्थाओं के पंजीकरण रद कर दिए हैं. इनमें जमशेतजी टाटा ट्रस्ट, आरडी टाटा ट्रस्ट तथा टाटा एजुकेशन ट्रस्ट के नाम भी शामिल हैं.
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हालांकि टाटा ट्रस्ट ने एक बयान जारी कर कहा कि आयकर विभाग को 2015 में ही रजिस्ट्रेशन रद्द कर देना चाहिए था, लेकिन तब उसने नहीं किया था. इस देरी के लिए हम कानूनी विकल्प लेंगे, क्योंकि रद्दीकरण अब प्रभावी हुआ है.
टाटा ने कहा है कि ट्रस्ट के रजिस्ट्रेशन को सरेंडर करने का फैसला ट्रस्ट के रिसोर्स को बढ़ाने और ट्रस्ट की बेहतरी के लिए किया गया था, ताकि ट्रस्ट अपने चैरिटेबल कार्यों को जारी रख सकें.
यह विवाद 2013 से पहले का है, जब नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने बताया कि जमशेदजी टाटा ट्रस्ट और नवाजबाई रतन टाटा ट्रस्ट ने निवेश के निषिद्ध तरीकों में 3,139 करोड़ रुपये का निवेश किया था. सीएजी ने उल्लेख किया कि आईटी विभाग ने इन ट्रस्टों को अनियमित कर छूट दी थी, जिसके परिणामस्वरूप 1,066 करोड़ रुपये टैक्स नेट से बच गए थे.
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