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उच्च न्यायालय ने केन्द्र से टाटा स्काई के सेट टॉप बाक्स कब्जे से छोडने का निर्देश दिया - एमआरपी

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को केन्द्र सरकार को टाटा स्काई के पांच सेट टाप बाक्स (एसटीबी) को छोड़कर बाकी सबको कंपनी को वापस करने का आदेश दिया है. इन पांच पर अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) अंकित नहीं हैं.

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Published : Mar 11, 2019, 9:40 PM IST

नई दिल्ली : मुख्य न्यायधीश राजेन्द्र मेनन और न्यायमूर्ति ए जे भमबनी की पीठ ने अपने अंतरिम आदेश में उपभोक्ता मामले मंत्रालय को टाटा स्काई के जनवरी में जब्त किये गये छह लाख से अधिक एसटीबी लौटाने का आदेश दिया. पीठ ने हालांकि इनमें से पांच एसटीबी को अपने पास रखने और उनके बारे में जांच जारी रखने की अनुमति दे दी.

पीठ ने यह आदेश जारी करते हुये कहा कि सरकार का यह फैसला पहली नजर में पक्षपात पूर्ण लगता है. इससे कंपनी को न केवल वित्तीय नुकसान झेलना पड़ा है बल्कि उन ग्राहकों को भी परेशानी हुई जो नये एसटीबी अपनाना चाहते थे. पीठ ने कहा है कि इसमें सरकार ने जो प्रक्रिया शुरू की है वह कानून के मुताबिक आगे जारी रखी जा सकती है और कंपनी उसमें शामिल होगी.

इस निर्देश के साथ ही पीठ ने इस मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई रखी है. न्यायालय का यह अंतरिम आदेश टाटा स्काई की याचिका पर आया है. टाटा स्काई ने उसकी एसटीबी में एमआरपी नहीं दर्शाये जाने पर सरकार द्वारा की गई जब्ती के खिलाफ दायर की थी.

कंपनी ने अपनी याचिका में इस नियम की संवैधानिक वैद्यता को भी चुनौती दी है जिसमें एसटीबी पर एमआरपी को दर्शाना अनिवार्य बनाया गया है. कंपनी ने इसके साथ ही 17 जनवरी के एसटीबी जब्त करने के आदेश को खारिज करने और एसटीबी में एमआरपी लिखे जाने को अनिवार्य बनाने संबंधी नियम को समाप्त करने का भी आग्रह किया है.
(भाषा)
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