नई दिल्ली : विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (Foreign Portfolio Investors-FPI) ने अगस्त में भारतीय बाजारों (Indian Markets) में शुद्ध रूप से 16,459 करोड़ रुपये का निवेश किया. इस दौरान FPI ने मुख्य रूप से ऋण या बांड बाजार में निवेश किया.
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, दो से 31 अगस्त के दौरान FPI ने शेयरों में मात्र 2,082.94 करोड़ रुपये डाले. हालांकि, इस दौरान बांड बाजार में उनका निवेश 14,376.2 करोड़ रुपये रहा. चालू कैलेंडर साल में ऋण या बांड बाजार में यह एफपीआई के निवेश का सबसे ऊंचा आंकड़ा है.
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि FPI द्वारा बांड बाजार (Bond Market) में निवेश (Investment) की प्रमुख वजह यह है कि अमेरिका और भारत में बांड पर प्राप्तियों में काफी अंतर है. अमेरिका में 10 साल के बांड पर प्राप्ति 1.30 प्रतिशत से कम है, जबकि भारत में यह 6.2 प्रतिशत से ऊपर है. इसके अलावा रुपये में स्थिरता से हेजिंग की लागत कम हुई है. विनिमय दरों को एफपीआई आशान्वित हैं.