बेंगलुरु :फार्मा क्षेत्र की अग्रणी कंपनी भारत बायोटेक ने तेज गति से कोरोना वैक्सीन का विकास और उत्पादन किया है. गुरुवार को बेंगलुरु टेक समिट-2021 में भारत द्वारा वैक्सीन नेतृत्व (India's vaccine leadership) पर एक सत्र को संबोधित करते हुए, - भारत बायोटेक के निदेशक डॉ वी कृष्ण मोहन ने कहा कि जब भारत समेत पूरी दुनिया कोविड -19 संक्रमण की चपेट में आई तो कोई टीका विकसित नहीं हुआ था.
डॉ कृष्ण मोहन ने कहा कि वैक्सीन का विकास फार्मा क्षेत्र और संभावित वैक्सीन निर्माताओं के लिए कठिन चुनौती थी. उन्होंने कहा कि हमें संक्रमण से लड़ने के लिए एक वैक्सीन विकसित करने के लिए सिर्फ 10 महीने का समय दिया गया था, लेकिन हम इन कुछ महीनों में कोवैक्सीन टीका विकसित करने में सफल रहे.
उन्होंने कहा कि भारत बायोटेक रिकॉर्ड समय में कोवैक्सीन जारी करने और करोड़ों भारतीयों की जान बचाने में सफल रहा है.
भारत बायोटेक के निदेशक ने कहा कि भारत सरकार ने सही कदम उठाए हैं और विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत जैव प्रौद्योगिकी विभाग (Biotechnology Dept.) सक्रियता से काम कर रहा है. उन्होंने कहा, 'ऐसी कोई पिछली मिसाल नहीं थी और इतने कम समय में वैक्सीन बनाना असंभव सा लगता है.' उन्होंने कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने पिछले एक दशक में अपनी कार्यशैली में सकारात्मक बदलाव किया है.
बता दें कि हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिल चुकी है.
इससे पहले भारत निर्मित भारत बायोटेक की 'कोवैक्सीन' के दो टीकों पर शोध पत्रिका 'लैंसेट' ने रिपोर्ट प्रकाशित की थी. इसमें कहा गया था कि कोविड-19 के लक्षण वाले मरीजों पर कोवैक्सीन 77.8 प्रतिशत प्रभावी है. गत 12 नवंबर को प्रकाशित कोवैक्सीन के तीसरे चरण के अंतरिम विश्लेषण में यह जानकारी दी गई.
विश्लेषण के अनुसार कोवैक्सीन टीका बिना किसी लक्षण वाले मरीजों को 63.6 प्रतिशत की सुरक्षा प्रदान करता है. देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान सबसे अधिक प्रभावी रहे डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ यह टीका 65.2 प्रतिशत और सार्स-सीओवी-2 वायरस के सभी प्रकारों के खिलाफ 70.8 प्रतिशत कारगर है.