नई दिल्ली :सुप्रीम कोर्ट ने ग्रेटर नोएडा के प्रीमियम आवासीय अपार्टमेंट ला रेजिडेंशिया को आम्रपाली समूह का हिस्सा घोषित करने के 2019 के अपने फैसले पर मंगलवार को पुनर्विचार करने से इनकार कर दिया और कहा कि इस चरण में इसके विकास कार्य का जिम्मा नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) को सौंपना 'न्यायोचित और उचित' नहीं होगा.
शीर्ष अदालत ने आम्रपाली ला रेजिडेंशिया फ्लैट बायर्स एसोसिएशन की याचिका खारिज कर दी. याचिका के समर्थन में दलील दी गई कि आम्रपाली ग्रुप की अन्य सभी परियोजनाओं की तरह ला रेजिडेंशिया के विकास कार्य का जिम्मा भी एनबीसीसी को सौंप दिया जाए, क्योंकि यह भी इसके तहत एक सतत प्रक्रिया रही है.
अदालत ने कहा कि मामले को जब विचार के लिए अदालत के समक्ष लाया गया तब आम्रपाली ग्रुप की अन्य सभी परियोजनाओं में या तो विकास कार्य नहीं हुआ था या अगर शुरू भी हुआ था तो विकास कार्य ठप था.
न्यायमूर्ति यू यू ललित और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की विशेष पीठ ने निर्देश दिया कि कंपनी ला-रेजिडेंशिया डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड आवासीय परियोजना का निर्माण और विकास कार्य जारी रखे.