हरारे: जिम्बाब्वे की सालाना मुद्रास्फीति दर जून महीने में 175 प्रतिशत पर पहुंच गई है. सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई. इससे जिम्बाब्वे में दस साल पहले की तरह अति मुद्रास्फीति की आशंका पैदा हो गई है. उस समय उसकी पूरी अर्थव्यवस्था ढह गई थी और बचत समाप्त हो गई थी.
यहां ब्रेड, दवाओं और पेट्रोल की कमी हो रही है और कीमतों में 2009 के बाद से सबसे तेजी से इजाफा हो रहा है. उस समय सरकार को प्रचलित मुद्रा 'जिम्बाब्वे डॉलर' को छोड़ना पड़ा था.
जिम्बाब्वे की राष्ट्रीय सांख्यिकी एजेंसी ने बयान में कहा कि जून, 2019 के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित सालाना मुद्रास्फीति दर 175.66 प्रतिशत रही है, जो मई में 97.85 प्रतिशत थी. पिछले 20 साल के दौरान जिम्बाब्वे के हजारों लोग देश में आर्थिक संकट की वजह से रोजी रोटी की तलाश में विदेश जा चुके हैं.