नई दिल्ली: भारत ने सोमवार को चीन से संबंध रखने वाले 59 मोबाइल एप पर प्रतिबंध लगा दिया था. जिसमें लोकप्रिय टिकटॉक और यूसी ब्राउजर जैसे एप भी शामिल हैं. सरकार ने कहा था कि ये एप देश की संप्रभुता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं.
सरकार के इस निर्णय के बाद भारत में चीनी इंटरनेट कंपनियों की गहरी पैठ का मुद्दा सामने आया है क्योंकि इन कंपनियों के संचालन और निवेश को उनके मूल प्रवर्तकों को वापस ट्रेस करना मुश्किल है.
इनमें से कुछ टेक दिग्गज कंपनियों जैसे कि बाइडू, अलीबाबा और टेनसेंट जगजाहिर रुप से चीनी कंपनियों के रूप में जानी जाती हैं. इन्हें आमतौर पर चीन के तीन बड़ी कंपनियों या बैट(बीएटी) के रुप में जाना जाता है. लेकिन कुछ चीनी टेक दिग्गजों और उनके मोबाइल एप्लिकेशन को यूएस और अन्य शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होने के कारण चीनी ब्रांड के रूप में अच्छी तरह से नहीं जाना जाता है.
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उदाहरण के लिए 59 प्रतिबंधित मोबाइल ऐप की सूची में शामिल कई लोकप्रिय मोबाइल एप्लिकेशन न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज चीता मोबाइल (स्टॉक टिकर सीएमसीएम) में सूचीबद्ध कंपनी के हैं.
चीता मोबाइल कंपनी चीता मोबाइल ब्राउजर, सुरक्षा मास्टर, क्लीन मास्टर (स्मार्ट फोन से जंक फ़ाइलों को साफ करने के लिए एक मोबाइल एप्लिकेशन) जैसे ऐप का मालिक है. लेकिन इन ऐप में उनके उपयोग और कार्यों के अनुसार अंग्रेजी या पश्चिमी नाम हैं. जिससे इसके चीनी होने का कोई स्पष्ट संबंध नहीं हो पाता है.
मुंबई स्थित विदेश नीति थिंकटैंक द गेटवे हाउस के अमित भंडारी का कहना है कि यूएस स्टॉक मार्केट में लिस्टेड होने के कारण इन चीनी टेक कंपनियों को कई बार पहचानना मुश्किल हो जाता है.
उन्होंने ईटीवी भारत को बताया, "प्रौद्योगिकी कंपनियों के मामले में चीन के पूरी तरह से बाहर आने के बारे में संदेह है. यह लंबे समय से फुसफुसा रहा है कि डेटा सुरक्षित नहीं है."
कुछ ही लोगों को पता है कि चीता मोबाइल भारत के स्मार्टफोन बाजार में सबसे बड़ी हिस्सेदारी के साथ चीनी हैंडसेट निर्माता कंपनी श्याओमी से जुड़ा हुआ है.