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हम नौकरियां सृजन, मेक इन इंडिया को बढ़ावा, नियमों का पालन करने वाली कंपनी : फ्लिपकार्ट - E-Commerce Company Flipkart

फ्लिपकार्ट का कहना है कि वह पूरी तरह से कानूनों के अनुसार काम करने वाली, मेक-इन-इंडिया को समर्थन देने वाली और देश में आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने वाली कंपनी है.

हम नौकरियां सृजन, मेक इन इंडिया को बढ़ावा, नियमों का पालन करने वाली कंपनी : फ्लिपकार्ट

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Published : Sep 17, 2019, 8:16 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 11:51 PM IST

नई दिल्ली: ई-वाणिज्य कंपनी फ्लिपकार्ट का कहना है कि वह पूरी तरह से कानूनों के अनुसार काम करने वाली, मेक-इन-इंडिया को समर्थन देने वाली और देश में आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने वाली कंपनी है.

कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि फ्लिपकार्ट समूह ने भारत में सीधे एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार दिया है. वहीं उसके मंच से जुड़े विक्रेताओं के माध्यम से करीब सात से आठ लाख अतिरिक्त लोगों को भी रोजगार प्राप्त हुआ है.

परंपरागत खुदरा कारोबारियों के संगठन अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (कैट) द्वारा फ्लिपकार्ट की इस माह शुरू होने वाली बिग बिलियन डेज को लेकर मीडिया में जतायी गयी चिंताओं के बीच ई-वाणिज्य प्लेटफार्म मंच फ्लिपकार्ट का कहना है कि उसके मंच पर कीमत वह नहीं बल्कि इसके साथ जुड़े आपूर्तिकर्ता खुद तय करते हैं.

फ्लिपकार्ट के कारपोरेट मामलों के प्रमुख रजनीश कुमार ने भाषा से कहा, "हम पूरी तरह से कानून पालन करने वाला संगठन हैं. लाखों लोगों को रोजगार देने, अधिक विक्रेताओं को बाजार तक लाकर मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने और देश के सभी हिस्सों में आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने पर हमें गर्व है."

कुमार ने कहा, "फ्लिपकार्ट समूह के साथ एक लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है. वही उसके मंच से जुड़े विक्रेताओं की व्यवस्था में सात से आठ लाख अतिरिक्त लोगों को रोजगार मिला है. फ्लिपकार्ट समर्थ जैसी पहल के जरिए हमने अधिक से अधिक विक्रेताओं, लघु उद्योगों, दस्तकारों और बुनकरों को अपने मंच से जोड़ा है. इससे देश के दस्तकारों, बुनकरों और हस्तशिल्पियों को अपने उत्पाद ई-वाणिज्य क्षेत्र में लाने में मदद मिली है. इस कदम ने उन्हें राष्ट्रीय बाजार उपलब्ध कराया है."

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उन्होंने कहा "हम आपूर्तिकर्ताओें को बाजार की जानकारी देते हैं. आपूर्तिकर्ता अलग अलग बाजारों के हिसाब से अलग-अलग कीमत भी रख सकता है. मूल्य भेद की यह नीति उनकी होती है."

कंपनी ने कहा कि वह सिर्फ बिग बिलियन डेज के माध्यम से वृद्धि को नहीं बढ़ाएगी, बल्कि इससे आगे जाकर काम करना जारी रखेगी. उदाहरण के लिए कंपनी ने अपने पिक-अप (सामान वापस मंगाने की व्यवस्था) परिचालन का विस्तार करने के लिए रीच प्रोजेक्ट (पहुंच परियोजना) चलायी और अब पिक-अप सुविधा का विस्तार देश के 800 अतिरिक्त शहरों तक बढ़ाया है.

इससे हजारों नए विक्रेताओं, लघु उद्योगों, घरेलू विनिर्माताओं और दस्तकारों को ई-वाणिज्य क्षेत्र से जोड़ने में मदद मिलेगी, विशेषकर तीसरे दर्जें के शहरों और कस्बों में. रीच प्रोजेक्ट के तहत कंपनी ने अपने डिलीवरी क्षेत्र का विस्तार 50 प्रतिशत अधिक पिनकोड तक किया है. इससे देश के दूसरे और तीसरे दर्जे के शहरों में और अधिक रोजगार सृतन करने में मदद मिलेगी.

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने फ्लिपकार्ट और उसकी प्रतिद्वंदी अमेजन इंडिया की सेल के बारे में कहा है कि "इस तरह की फेस्टिवल बिक्री और उस पर गहरी छूट देना सरकार की एफडीआई नीति 2018 के प्रेस नोट नंबर 2 का स्पष्ट उल्लंघन है."

ऑनलाइन वाणिज्यिक मंचों के अधिकारियों का दावा है कि फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसी ऑनलाइन कंपनियों ने एक साल में करीब 30 अरब डालर (2 लाख करोड़ रुपये से अधिक) की आर्थिक गतिविधियां सृजित की हैं.

Last Updated : Sep 30, 2019, 11:51 PM IST

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