नई दिल्ली : स्थानीय शेयर बाजारों के लिए यह सप्ताह काफी घटनाक्रमों भरा (equity market Action packed week) रहेगा. सप्ताह के दौरान कई महत्वपूर्ण गतिविधियां होने वाली हैं, जो बाजार को दिशा देंगी. विश्लेषकों का कहना है कि इस सप्ताह आम बजट 2022-23, वृहद आर्थिक आंकड़े, कंपनियों के तिमाही नतीजे और वैश्विक रुख बाजार को दिशा (share market global trends analysts) देंगे. बीते सप्ताह कम कारोबारी सत्रों के दौरान बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,836.95 अंक या 3.11 प्रतिशत नीचे आया था. इससे पहले विगत सप्ताह के आंकड़ों के मुताबिक शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले स्थान पर कायम रही. उसके बाद क्रमश: टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, इन्फोसिस, आईसीआईसीआई बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एसबीआई, एचडीएफसी, बजाज फाइनेंस और भारती एयरटेल का स्थान रहा.
शेयर बाजार के लिए 31 फरवरी से शुरू हो रहे सप्ताह को लेकर रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजित मिश्रा (Ajit Mishra Religare Broking) ने कहा, 'यह सप्ताह न केवल शेयर बाजार के लिए, बल्कि व्यापक रूप से अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है. एक फरवरी को आम बजट (union budget on 1st february) पेश किया जाएगा. हमें उम्मीद है कि सरकार वृद्धि के एजेंडा पर आगे बढ़ेगी, लेकिन साथ ही राजकोषीय मजबूती के लिए रूपरेखा भी लाएगी. यह सप्ताह वाहन कंपनियों के लिए महत्वपूर्ण होगा. एक फरवरी को वाहन कंपनियां अपने मासिक बिक्री के आंकड़े पेश करेंगी.' उन्होंने कहा कि इसके अलावा सप्ताह के दौरान विनिर्माण और सेवा पीएमआई के आंकड़े भी आने हैं.
मिश्रा ने कहा कि केंद्रीय बजट वैश्विक बिकवाली के बीच घरेलू बाजारों के लिए आगे की दिशा निर्धारित करेगा. 'इसके साथ ही 'बजट वीक' के दौरान बाजार में अस्थिरता अधिक रहती है, इसलिए बाजार भागीदारों को सतर्कता का रुख अपनाना चाहिए.'
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा (Santosh Meena Swastika Investmart Ltd) ने कहा, 'यह सप्ताह केंद्रीय बजट की वजह से बहुत महत्वपूर्ण और बेहद अस्थिर होने जा रहा है. लेकिन इस बार अच्छी बात यह है कि बाजार बजट को लेकर हल्के रुझान के साथ आगे बढ़ रहा है. ऐसे में बजट बाद बाजार में तेजी की संभावना है. इसी तरह की प्रवृत्ति पिछले साल दिखाई दी थी. पिछले साल भी बजट से पहले बिकवाली और उसके बाद लिवाली का सिलसिला चला था.' मीणा ने कहा कि बजट के अलावा वैश्विक संकेतक बहुत महत्वपूर्ण होंगे. वैश्विक बाजार ब्याज दरों में वृद्धि के परिदृश्य के लिए खुद को तैयार कर रहा है, लेकिन भू-राजनीतिक अनिश्चितता एक और बड़ी चिंता है.
मीणा ने कहा, 'डॉलर इंडेक्स में वृद्धि और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें भारत जैसे उभरते बाजारों के लिए अन्य मुद्दे हैं. हम तीसरी तिमाही के नतीजों के सत्र के बीच में हैं और अबतक यह अच्छा बना हुआ है. इस सप्ताह भी कई कंपनियों के तिमाही नतीजे आने हैं.' पिछले हफ्ते स्थानीय बाजार अमेरिकी केंद्रीय बैंक की बैठक और रूस-यूक्रेन तनाव की वजह से वैश्विक बाजारों की प्रतिक्रिया से प्रभावित हुआ था.
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