ब्रेक्जिट सौदे पर यूरोपीय संघ के साथ 'कानूनी रूप से बाध्यकारी बदलावों' पर राजी: ब्रिटेन
ब्रिटेन के सांसद मंगलवार को मतदान करने से पहले नए प्रस्ताव का अध्ययन करेंगे. गौरतलब है कि ब्रिटेन के 'हाउस ऑफ कॉमन्स' ने जनवरी में भी समझौते को खारिज कर दिया था
स्ट्रासबर्ग: ब्रिटेन प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने सोमवार को कहा कि वह संसद में महत्वपूर्ण मतदान की पूर्व संध्या पर ब्रेक्जिट सौदे पर यूरोपीय संघ के साथ 'कानूनी रूप से बाध्यकारी बदलावों' पर सहमत हो गयी हैं. मे ने स्ट्रासबर्ग में यूरोपीय संघ के नेताओं से मुलाकात के बाद देर रात यह घोषणा की.
यूरोपीय संघ के प्रमुख जीन-क्लाउड जुंकर ने चेतावनी दी कि बहुत कुछ दांव पर लगा है. ब्रिटेन को 29 मार्च को यूरोपीय संघ से अलग होना है. लक्जमबर्ग के पूर्व प्रधानमंत्री ने मे के साथ संवाददाता सम्मेलन में कहा, "विकल्प स्पष्ट है या तो यह समझौता होगा या फिर ब्रेक्जिट नहीं होगा. ब्रिटेन को व्यवस्थित रूप से अलग होने दें."
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उन्होंने कहा, "इस पर अब कोई तीसरा मौका नहीं दिया जाएगा." प्रभावी रूप से परिवर्तनों के तीन-भाग के पैकेज का उद्देश्य यूरोपीय संघ के सदस्य आयरलैंड और ब्रिटिश प्रांत उत्तरी आयरलैंड के बीच सीमा को खुला रखने के लिए तथाकथित बैकस्टॉप योजना पर ब्रिटिश सांसदों से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदु को हल करना है.
यूरोपीय संघ के मुख्य वार्ताकार मिशेल बार्नियर ने जुंकर के साथ बातचीत के बाद कहा, "आज हम कानूनी बदलावों पर सहमत हुए हैं" उन्होंने कहा, "अब समय आ गया है कि हम साथ आएं, ब्रेक्जिट समझौते का समर्थन करें और ब्रिटिश लोगों के निर्देशानुसार काम करें."
ब्रिटेन के सांसद मंगलवार को मतदान करने से पहले नए प्रस्ताव का अध्ययन करेंगे. गौरतलब है कि ब्रिटेन के 'हाउस ऑफ कॉमन्स' ने जनवरी में भी समझौते को खारिज कर दिया था और इसमें ठोस बदलाव न होने की स्थिति में इसके मंगलवार को भी ऐसा ही करने की आशंका है. मे अगर मंगलवार को होने वाले चुनाव में हारती हैं तो सांसद बुधवार को वोट देंगे कि बिना समझौते के 29 मार्च को ईयू को छोड़ा जाए अथवा नहीं.
(भाषा)