नई दिल्ली: यदि आरबीआई के एक ताजा परिचर्चा पत्र में प्रस्तावित दिशानिर्देश लागू किये गये तो कोटक महिंद्रा बैंक के एमडी और सीईओ उदय कोटक को अपना पद छोड़ना पड़ सकता है. केंद्रीय बैंक ने 'भारत में वाणिज्यिक बैंकों में प्रशासन' शीर्षक इस परिचर्चा पत्र को गुरुवार को जारी किया.
परिचर्चा पत्र में बैंकों के प्रवर्तक समूह से संबंध रखने वाले मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) और पूर्णकालिक निदेशकों की आयु सीमा 70 वर्ष और अधिकतम कार्यकाल 10 वर्ष तय करने का प्रस्ताव रखा है. गैर-प्रवर्तक समूह के लिए यह समयसीमा 15 साल प्रस्तावित है.
उदय कोटक निजी बैंकिंग क्षेत्र के सबसे लंबे समय तक पद पर रहने वाले सीईओ में हैं. वह 2003 से कोटक महिंद्रा बैंक का नेतृत्व कर रहे हैं. एक अन्य बैंकिंग दिग्गज एचडीएफसी बैंक के सीईओ आदित्य पुरी इस साल के अंत में सेवानिवृत्त होंगे.
आरबीआई के परिचर्चा पत्र में कहा गया है कि प्रवर्तक समूह से संबंध रखने वाले सीईओ और पूर्णकालिक निदेशकों (डब्ल्यूटीडी) को 10 साल बाद प्रबंधन का नेतृत्व पेशेवरों को सौंपना चाहिए. इस परिचर्चा पत्र पर आरबीआई ने विभिन्न हितधारकों से 15 जुलाई, 2020 तक सुझाव मांगे हैं.