नई दिल्ली: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर गुरुवार को अब तक का सबसे घातक साइबर हमला हुआ है. जब तक ट्विटर टीम इस क्रिप्टोकरेंसी स्कैम को रोकने के लिए हरकत में आती, तबतक 367 यूजर्स ने बिटक्वाइन के रूप में 90 लाख रुपये से अधिक गंवा दिए.
साइबर सिक्युरिटी कंपनी कास्परस्की के अनुसार, इस घातक स्कैम ने हमें इस तथ्य से अवगत करा दिया कि हम उस दौर में जी रहे हैं, जब चाहे कितना भी कंम्यूटर कौशल से युक्त कोई व्यक्ति हो या फिर सबसे सुरक्षित अकाउंट हो, उसे भी हैक किया जा सकता है.
कंपनी में साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ दिमित्री बेसजुझेव ने आईएएनएस से कहा, "हमारे अनुमान में, केवल दो घंटे के अंदर ही, कम से कम 367 यूजर्स ने अटैकर को करीब 90 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए. कोई भी वेबसाइट/सॉफ्टवेयर न तो पूरी तरह से बग से सुरक्षित है और न ही 'मून फैक्टर से."
ट्विटर ने स्वीकार किया कि यह हैकरों द्वारा किया गया समन्वित इंजीनियरिंग था, जिसने सफलतापूर्वक हमारे कुछ कर्मचारियों को आंतरिक प्रणालियों और टूल्स में पहुंच के साथ निशाना बनाया.
ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी ने भी घटना के लिए माफी मांगी है.
उन्होंने ट्वीट कर कहा, "ट्विटर में हमारे लिए बहुत मुश्किल दिन. हम सब काफी परेशान हैं कि इस तरह की चीजें हुईं."
कोआर्डिनेटेड सोशल इंजीनियरिंग ने आंतरिक प्रणाली पर किया हमला: ट्विटर
साइबर अपराधियों ने कई प्रभावशाली हस्तियों जैसे जो बिडेन, बराक ओबामा, माइक ब्लूमबर्ग और कई टेक अरबपतियों और कंपनियों जैसे जेफ बेजोस, बिल गेट्स और मस्क, एप्पल और उबर जैसे हाई प्रोफाइल वाले लोगों के अकाउंट से फर्जी ट्वीट किए और एक बिटक्वॉइन पते पर हर 1,000 डॉलर भेजने पर 2,000 डॉलर लौटाने की पेशकश की.
बाद में ट्विटर ने स्वीकार किया कि उसकी आंतरिक प्रणालियों पर हमला हुआ था.