नई दिल्ली : कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स(सीएआईटी) ने मंगलवार को पूरे देश में चीनी सामानों को जलाया. सीएआईटी ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान-आधारित आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को "वैश्विक आतंकवादी" के रूप में नामित करने के लिए चीन द्वारा मार्ग अवरूद्ध किए जाने के विरोध में उन्होंने यह कदम उठाया.
सीएआईटी ने सरकार से चीन के साथ व्यापार पर प्रतिबंध लगाने का भी आग्रह किया.
सीएआईटी के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने बतायाकहा, "व्यापारियों ने पूरे देश में 1,500 से अधिक स्थानों पर चीनी सामानों को आग के हवाले कर दिया."
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सदर बाजार में चीनी सामान जलाकर चीन के खिलाफ व्यापारियों के संगठन ने विरोध प्रदर्शन किया.
खंडेलवाल ने कहा कि सरकार को छोटे उद्योगों को प्रोत्साहित करना चाहिए और उन्हें एक विशेष पैकेज देना चाहिए ताकि वे चीनी वस्तुओं का मुकाबला कर सकें. उन्होंने कहा कि निकाय एक राष्ट्रीय अभियान शुरू कर रहा है, जो व्यापारियों से चीनी सामानों की खरीद या बिक्री का बहिष्कार करने का आग्रह कर रहा है.
भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार वर्ष-दर-वर्ष 2017 में 18.63 प्रतिशत प्रति वर्ष की वृद्धि के साथ 84.44 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच गया. वर्ष के दौरान चीन के साथ व्यापार घाटा 51.75 बिलियन अमरीकी डॉलर पर उच्च बना रहा.
चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे सहित कई मुद्दों पर द्विपक्षीय व्यापार ने ऐतिहासिक उच्च द्विपक्षीय द्विपक्षीय तनाव को झेला, बीजिंग ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह और डोकलाम गतिरोध में भारत के प्रवेश को रोक दिया.
चीन ने चौथी बार संयुक्त राष्ट्र (यूएन) सुरक्षा परिषद में अजहर को "वैश्विक आतंकवादी" के रूप में नामित करने के लिए पिछले बुधवार को प्रस्ताव पर तकनीकी अवरोध डाल दिया, जिसे भारत ने एक निराशाजलक कदम बताया.
(पीटीआई से इनपुट)
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