नई दिल्ली: इलेक्ट्रॉनिक पथ कर संग्रह कार्यक्रम जैसी पहलों से भारत का टोल संग्रह अगले पांच साल में बढ़कर एक लाख करोड़ रुपये सालाना हो सकता है. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को यह बात कही.
गडकरी ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधीन कुल 1.4 लाख किलोमीटर राजमार्ग आता है, जिसमें से 24,996 किलोमीटर राजमार्ग टोल के दायरे में आता है. साल के अंत में यह बढ़कर 27,000 किलोमीटर हो जाएगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक दिसंबर 2019 से टोल भुगतान केवल फास्टैग के जरिए होगा.
यह मंत्रालय की प्रमुख पहल है, जो कि वाहनों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करेगी और बाधाओं को दूर करेगी. जीएसटी परिषद, जीएसटी ई-वे बिल प्रणाली के एकीकरण की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी चुकी है. इस संबंध में करार भी किया गया है.