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थालीनोमिक्स: शाकाहारी थाली खरीदने की क्षमता 29 प्रतिशत बेहतर हुई - Vegetarian plate affordability improves 29 percent

समीक्षा के मुताबिक पिछले 13 साल के दौरान आम आदमी की आमदानी और खाने पीने की चीजों के दामों में वृद्धि का समीकरण देखें तो इस दौरान शाकाहारी थाली लोगों के लिए 29 प्रतिशत अधिक सुलभ हुई जबकि मांसाहारी थाली की सुलभता में भी 18 प्रतिशत सुधार हुआ है.

थालीनोमिक्स: शाकाहारी थाली खरीदने की क्षमता 29 प्रतिशत बेहतर हुई
थालीनोमिक्स: शाकाहारी थाली खरीदने की क्षमता 29 प्रतिशत बेहतर हुई

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Published : Jan 31, 2020, 6:14 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 4:40 PM IST

नई दिल्ली: संसद में शनिवार को पेश आर्थिक समीक्षा में जनता की आमदनी और उसके भोजन की थाली के खर्च के बीच के अर्थशास्त्र को भी समझाया गया है.

समीक्षा के मुताबिक पिछले 13 साल के दौरान आम आदमी की आमदानी और खाने पीने की चीजों के दामों में वृद्धि का समीकरण देखें तो इस दौरान शाकाहारी थाली लोगों के लिए 29 प्रतिशत अधिक सुलभ हुई जबकि मांसाहारी थाली की सुलभता में भी 18 प्रतिशत सुधार हुआ है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2019- 20 की आर्थिक सर्मीक्षा शनिवार को संसद में पेश की. समीक्षा में थालीनोमिक्स नाम से एक पूरा अध्याय दिया गया है. इसमें कहा गया है कि 2006- 07 से लेकर 2019- 20 की अवधि में शाकाहारी थाली खरीदने का सामर्थ्य 29 प्रतिशत बढ़ा है जबकि मांसाहारी थाली 18 प्रतिशत अधिक सुलभ हुई है.

ये भी पढ़ें-आर्थिक समीक्षा: अगले वित्तवर्ष में वृद्धि दर सुधरकर 6-6.5% के बीच रहने का अनुमान

आर्थिक समीक्षा में 25 राज्यों एवं संघ शासित प्रदेशों के 80 केन्द्रों के अप्रैल 2006 से लेकर अक्टूबर 2019 तक के औद्योगिक कर्मचारियों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आंकड़े जुटाये गये. इन्हीं आंकड़ों के विश्लेषण से थाली का मूल्य और उसकी सुलभता तय की गई है.

समीक्षा के अनुसार शाकाहारी थाली में अनाज, सब्जी और दाल शामिल है जबकि मांसाहारी थाली में अनाज के साथ ही सब्जी और कोई एक मांसाहारी खाद्य पदार्थ शामिल किया गया है. इसमें कहा गया है, देशभर में और देश के चारों क्षेत्रों उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम में यह देखा गया है कि 2015-16 के बाद से शाकाहारी थाली का दाम उल्लेखनीय रूप से कम हुआ है. हालांकि, 2019 में दाम कुछ बढ़े हैं.

समीक्षा के मुताबिक दाम कम होने से दिन में दो थाली खाने वाले औसतन पांच व्यक्तियों के आम परिवारों को हर साल करीब 10,887 रुपये का फायदा हुआ जबकि मांसाहार खाने वाले परिवार को हर साल औसतन 11,787 रुपये का लाभ हुआ.

इसमें कहा गया है कि औसत औद्योगिक श्रमिकों की सालाना कमाई को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2006-07 से 2019-20 के बीच शाकाहारी थाली खरीदने की उसकी क्षमता 29 प्रतिशत बेहतर हुई और मांसाहारी थाली खरीदने की क्षमता 18 प्रतिशत सुधरी है.

समीक्षा में दावा किया गया है कि 2015-16 को वह साल माना जा सकता जब से थाली के दाम में गुणात्मक बदलाव आना शुरू हुआ. वर्ष 2014-15 से ही कृषि क्षेत्र की उत्पादकता बढ़ाने के लिये कई क्षेत्रों में सुधार उपायों की शुरुआत की गई. समीक्षा के अनुसार बेहतर और अधिक पारदर्शी मूल्य खोज के लिये कृषि बाजार की दक्षता और प्रभावशीलता बढ़ाने के उपायों की भी जरूरत है.

Last Updated : Feb 28, 2020, 4:40 PM IST

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