लखनऊ: देश की पहली कॉरपोरेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस कोरोना की भेंट चढ़ गई. 23 नवंबर से इस वीआईपी ट्रेन का संचालन बंद हो जाएगा. वजह है यात्रियों का न मिलना. दरअसल, आईआरसीटीसी ने यात्रियों को प्लेन जैसी सुविधा ट्रेन में देने और अपनी कमाई के जिस उद्देश्य के साथ इस ट्रेन का संचालन किया था, कोरोना ने इसके पहिए जाम कर दिए. यात्रियों की कमी की वजह से आईआरसीटीसी ने नवंबर के आखिरी सप्ताह से अनिश्चितकाल के लिए तेजस का ऑपरेशन न करने का फैसला लिया है.
रेलवे बोर्ड ने दी निरस्तीकरण की मंजूरी
तेजस एक्सप्रेस में प्रतिदिन सिर्फ 20 से 25 पैसेंजर्स ही टिकट बुक करा रहे थे. यात्रियों की इतनी कमी आईआरसीटीसी पर काफी भारी पड़ रही थी. ये घाटे का सौदा साबित हो रहा था. ऐसे में आईआरसीटीसी ने रेलवे बोर्ड को 23 नवंबर से तेजस एक्सप्रेस को रद्द करने के लिए पत्र लिखा था. रेलवे बोर्ड ने आईआरसीटीसी को 23 नवंबर से अगले आदेश तक रद्द करने की मंजूरी दे दी है.
पिछले साल शुरू हुआ था तेजस का संचालन
बता दें कि पिछले साल चार अक्टूबर को देश की इस पहली कॉरपोरेट ट्रेन की शुरुआत हुई थी. करीब पांच माह तक इस ट्रेन का संचालन हुआ और ये सफर के लिए यात्रियों की पहली पसंद बनने लगी. इसी बीच मार्च माह में कोरोना की दस्तक से लॉकडाउन लग गया और तेजस रोक दी गई. अनलॉक के बाद पिछले अक्टूबर माह से फिर तेजस का संचालन शुरू किया गया, लेकिन इस बार कोरोना का डर यात्रियों को सताने लगा. तेजस के साथ ही अन्य ट्रेनों में भी यात्रियों ने सफर करना मुनासिब नहीं समझा. लखनऊ मेल जैसी ट्रेन में भी इस दीपावली पर यात्रियों का टोटा रहा.
बढ़ाया समय फिर भी न मिले यात्री
आईआरसीटीसी ने यात्रियों की सुविधा के लिए एडवांस रिजर्वेशन बढ़ाकर एक माह कर दिया. इसके बावजूद तेजस में बुकिंग कराने में यात्रियों ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. आखिरकार तेजस को 14 नवंबर को दीपावली के दिन निरस्त करना पड़ा. अब 23 नवम्बर से अगले आदेश तक तेजस निरस्त ही रहेगी.
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