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मेजर इंफ्रा प्रोजेक्ट्स पर चर्चा के लिए सोमवार को होगी उच्च-स्तरीय बैठक

गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाले मंत्री पैनल ने पहले ही एयर इंडिया के लिए ईओआई और शेयर-खरीद समझौते के मसौदे को मंजूरी दे दी है. सरकार ने संकेत दिया है कि वह निजी कंपनियों को अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी देने से पहले एयर इंडिया की 60,000 करोड़ रुपये का बड़ा हिस्सा निकाल लेगी.

मेजर इंफ्रा प्रोजेक्ट्स पर चर्चा के लिए सोमवार को होगी उच्च-स्तरीय बैठक
मेजर इंफ्रा प्रोजेक्ट्स पर चर्चा के लिए सोमवार को होगी उच्च-स्तरीय बैठक

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Published : Jan 12, 2020, 7:57 PM IST

नई दिल्ली: सोमवार से शुरू होने वाला सप्ताह आधारभूत संरचना पर उच्च स्तरीय टास्क फोर्स एयर इंडिया विनिवेश पर अंतर-मंत्रालयी समूह अपनी महत्वपूर्ण बैठकें आयोजित करने वाला है.

आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव नीति आयोग के सचिव, सचिव (व्यय), प्रशासनिक मंत्रालयों के सचिव और अतिरिक्त सचिव (निवेश) के नेतृत्व में टास्क फोर्स के सदस्य सोमवार को इसकी अंतिम बैठक करेंगे. इसके साथ ही राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (एनआईपी) के तहत लगभग 3 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर भी चर्चा करेंगे.

विभिन्न क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के 102 लाख करोड़ रुपये की घोषणा करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहले कहा था कि शीघ्र ही 3 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं को जोड़ा जाएगा.

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गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाले मंत्री पैनल ने पहले ही एयर इंडिया के लिए ईओआई और शेयर-खरीद समझौते के मसौदे को मंजूरी दे दी है. सरकार ने संकेत दिया है कि वह निजी कंपनियों को अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी देने से पहले एयर इंडिया की 60,000 करोड़ रुपये का बड़ा हिस्सा निकाल लेगी.

सरकारी अधिकारियों ने कुछ संभावित निवेशकों से मुलाकात की है और बिक्री की पेशकश करते समय उनकी चिंताओं को दूर करने की संभावना है.

एक अन्य अधिकारी ने कहा, "विदेशी एयरलाइंस सहित कई निजी खिलाड़ी हमसे मिल रहे हैं. हालांकि बैठकें विशेष रूप से एयर इंडिया के विनिवेश पर नहीं थीं, लेकिन चर्चा के दौरान मुद्दे सामने आए हैं."

यह पूछे जाने पर कि क्या एयरलाइन को इस बार सफलतापूर्वक बेचा जाएगा इसपर अधिकारी ने कहा कि सरकार को घरेलू और विदेशी निवेशकों से अब तक की प्रतिक्रिया पर भरोसा है.

मई, 2018 में एयर इंडिया को बेचने की बोली लगने के बाद कोई भी एयरलाइन ने इसमें रुचि नहीं दिखाई.

एयरलाइन पर कुल 60,000 करोड़ रुपये का कर्ज है और 70,000 करोड़ रुपये से अधिक का संचित घाटा है. कंपनी अभीतक 2012 में तत्कालीन संप्रग -2 सरकार द्वारा मंजूरी दे दी गई लगभग 30,000 करोड़ रुपये के बेल आउट पैकेज पर यह जीवित रही है.

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