नई दिल्ली: कोविड-19 से संबंधित चुनौतियों के बावजूद, इस महीने के पहले 19 दिनों में रेलवे को पिछले साल इसी अवधि के मुकाबले माल ढुलाई के जरिये अधिक आमदनी हुई है.
भारतीय रेलवे ने उच्च-मात्रा, उच्च-आवृत्ति, कम दूरी वाले मार्गों का सर्वेक्षण करना शुरू कर दिया है क्योंकि यह देश में माल ढुलाई में अपनी प्रमुख स्थिति हासिल करने का प्रयास करता है.
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने कहा, "हमारी व्यावसायिक विकास इकाइयों ने कम दूरी वाले मार्गों का सर्वेक्षण शुरू कर दिया है, जहां यातायात की मात्रा बहुत अधिक है."
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रेलवे माल का थोक कारोबार कोयला, लोहा और इस्पात, स्टील के लिए कच्चा माल, लौह अयस्क, सीमेंट, खाद्यान्न, उर्वरक और कंटेनर सहित अन्य चीजों के परिवहन से आता है.
रोड ट्रांसपोर्टर जिसने एक समय देश में माल ढुलाई के अधिकांश हिस्से की कमान संभाली थी, अब कुल माल व्यापार का केवल एक तिहाई है.
माल व्यवसाय में अपनी बाजार हिस्सेदारी में सुधार करने के लिए भारतीय रेलवे एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम पर काम कर रहा है. जिसमें दिल्ली और मुंबई के बीच दो समर्पित फ्रेट कॉरिडोर, पश्चिमी समर्पित फ्रेट कॉरिडोर और अगले साल जून तक लुधियाना और कोलकाता के बीच पूर्वी समर्पित फ्रेट कॉरिडोर का परिचालन शामिल है.