नई दिल्ली :वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के बकायों के भुगतान की स्थिति की अधिकारियों से जानकारी ली. उन्होंने केंद्रीय उपक्रमों (सीपीएसई) और केंद्र सरकार की एजेंसियों पर छोटी मझोली इकाइयों के बकायों की विशेष रूप से समीक्षा की.
बैठक में वित्तीय सेवा विभाग के सचिव देवाशीष पांडा, एमएसएमई सचिव ए के शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.
इस साल मई में घोषित किए गए आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत केंद्र सरकार की एजेंसियों और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) को एमएसएमई का बकाया 45 दिनों में चुकाना है.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, 'मई 2020 से, भारत सरकार, विशेष रूप से एमएसएमई मंत्रालय द्वारा इन बकायों के भुगतान के लिए नियमित रूप से ठोस उपाए किए गए हैं. एमएसएमई को दी जाने वाली राशि के भुगतान के लिए खासतौर से सीपीएसई और केंद्र सरकार की एजेंसियों पर ध्यान केंद्रित किया गया.'
पढ़ें :-प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत 36 हजार रेहड़ी-पटरी वालों को जोड़ेगी स्विगी
बयान के मुताबिक इसके फलस्वरूप केंद्र सरकार की एजेंसियों और सीपीएसई ने पिछले सात महीनों में एमएसएमई को 21,000 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया है.
एमएसएमई मंत्रालय ने बयान में कहा कि सबसे अधिक 5,100 करोड़ रुपये की खरीद अक्टूबर में हुई और इस दौरान 4,100 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया.