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सेवा निर्यात संवर्द्धन परिषद का वाणिज्य मंत्रालय से एसईआईएस में और सेवाओं को जोड़ने का आग्रह - वाणिज्य मंत्रालय

विदेश व्यापार नीति एसईआईएस योजना के तहत कई सेवा क्षेत्रों को कर प्रोत्साहन देती है. सेवाओं की प्रकृति के हिसाब से सरकार शुल्क क्रेडिट पर्ची या प्रमाणपत्र देती है. इस योजना में शुद्ध विदेशी मुद्रा प्राप्ति पर पांच से सात प्रतिशत का 'पुरस्कार' दिया जाता है. इसका लाभ भारत स्थित सेवाप्रदाताओं को मिलता है.

सेवा निर्यात संवर्द्धन परिषद का वाणिज्य मंत्रालय से एसईआईएस में और सेवाओं को जोड़ने का आग्रहविदेश व्यापार नीति एसईआईएस योजना के तहत कई सेवा क्षेत्रों को कर प्रोत्साहन देती है. सेवाओं की प्रकृति के हिसाब से सरकार शुल्क क्रेडिट पर्ची या प्रमाणपत्र देती है. इस योजना में शुद्ध विदेशी मुद्रा प्राप्ति पर पांच से सात प्रतिशत का 'पुरस्कार' दिया जाता है. इसका लाभ भारत स्थित सेवाप्रदाताओं को मिलता है.

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Published : Nov 10, 2019, 12:58 PM IST

Updated : Nov 10, 2019, 1:18 PM IST

नई दिल्ली: सेवा निर्यात संवर्द्धन परिषद (एसईपीसी) ने वाणिज्य मंत्रालय से भारत से सेवाओं के निर्यात की योजना (एसईआईएस) का दायरा बढ़ाने का आग्रह किया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसके तहत अधिक सेवाओं को लाकर विदेशी बाजारों में क्षेत्र को प्रोत्साहन दिया जा सकता है.

विदेश व्यापार नीति एसईआईएस योजना के तहत कई सेवा क्षेत्रों को कर प्रोत्साहन देती है. सेवाओं की प्रकृति के हिसाब से सरकार शुल्क क्रेडिट पर्ची या प्रमाणपत्र देती है. इस योजना में शुद्ध विदेशी मुद्रा प्राप्ति पर पांच से सात प्रतिशत का 'पुरस्कार' दिया जाता है. इसका लाभ भारत स्थित सेवाप्रदाताओं को मिलता है.

एसईपीसी की महानिदेशक संगीता गोडबोले ने कहा, "हमने वाणिज्य मंत्रलय से एसईआईएस का दायरा बढ़ाकर इसमें और सेवाओं को शामिल करने का आग्रह किया है. हम चाहते हैं कि 'आडियो विजुअल' (श्रव्य और दृश्य) सेवाओं के तहत एनिमेशन और वीएफएक्स को शामिल किया जाए."

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उन्होंने कहा कि परिषद इसके लिए वाणिज्य मंत्रालय के साथ काम कर रही है. अभी व्यापक श्रेणियों की नौ सेवाएं इसमें आती हैं. पेशेवर, संचार, निर्माण, शैक्षणिक, पर्यावरण, पर्यटन और परिवहन सेवाएं शामिल है. गोडबेले ने कहा कि इस सूची को व्यापक कर प्रत्येक श्रेणी में और सेवाएं जोड़ी जाएं.

इस योजना के तहत 2018-19 में सेवा निर्यातकों को कुल 4,262.8 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया गया. इस दौरान कुल 6,376 प्रमाणपत्र जारी किए गए.

Last Updated : Nov 10, 2019, 1:18 PM IST

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