नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक से कहा कि वे कोविड-19 लॉकडाउन की वजह से घोषित ऋण की किस्तों का भुगतान स्थगित किये जाने पर चक्रवृद्धि ब्याज की वसूली माफ करने के बारे में तीन दिन के भीतर फैसला लें.
न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने इस मुद्दे पर आगरा निवासी गजेन्द्र शर्मा की याचिका पर वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया. पीठ ने कहा कि इस मामले में अब अगले सप्ताह विचार किया जायेगा.
पीठ ने कहा कि यहां सवाल ऋण स्थगन की पूरी अवधि का ब्याज माफ करने का नहीं है बल्कि यह बैंकों द्वारा ब्याज पर ब्याज वसूले जाने तक सीमित है.
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सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि वह इस मामले में संतुलिन रूख अपनाना चाहता है और यही चाहता है कि इसमें व्यापक दृष्टिकोण अपनाया जाये.