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सैमसंग, एप्पल के लिए ठेके पर फोन बनाने वाली कंपनियों ने पीएलआई के तहत आवेदन किया

इन प्रस्तावों के अनुसार सैमसंग लावा, डिक्सन तथा आईफोन का अनुबंध पर विनिर्माण करने वाली इकाइयों ने अगले पांच साल के दौरान 11 लाख करोड़ रुपये के मोबाइल उपकरणों तथा कलपुर्जों का उत्पादन करने प्रस्ताव किया है.

सैमसंग, एप्पल के लिए ठेके पर फोन बनाने वाली कंपनियों ने पीएलआई के तहत आवेदन किया
सैमसंग, एप्पल के लिए ठेके पर फोन बनाने वाली कंपनियों ने पीएलआई के तहत आवेदन किया

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Published : Aug 1, 2020, 2:54 PM IST

नई दिल्ली: प्रमुख हैंडसेट कंपनियों सैमसंग तथा आईफोन बनाने वाली कंपनी एप्पल के लिए अनुबंध पर विनिर्माण करने वाली इकाइयों ने सरकार की 50,000 करोड़ रुपये की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) का लाभ लेने के लिए प्रस्ताव जमा कराया है. सूत्रों ने यह जानकारी दी.

इन प्रस्तावों के अनुसार सैमसंग लावा, डिक्सन तथा आईफोन का अनुबंध पर विनिर्माण करने वाली इकाइयों ने अगले पांच साल के दौरान 11 लाख करोड़ रुपये के मोबाइल उपकरणों तथा कलपुर्जों का उत्पादन करने प्रस्ताव किया है.

एक सूत्र ने बताया कि इन कंपनियों ने उत्पादन आधारित प्रोत्साहन का लाभ लेने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय के पास प्रस्ताव जमा कराया है. इन प्रस्तावों से करीब 12 लाख रोजगार के अवसरों का सृजन होगा. इनमें तीन लाख प्रत्यक्ष तथा नौ लाख अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर होंगे.

सूत्र ने कहा कि इस योजना के तहत प्रस्ताव जमा कराने वाली विदेशी कंपनियों में सैमसंग, फॉक्सकॉन होन हेई, राइजिंग स्टार, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन शामिल हैं. फॉक्सकॉन होन हेई, विस्ट्रॉन तथा पेगाट्रॉन अनुबंध पर एप्पल आईफोन का विनिर्माण करती हैं. ताइवन की पेगाट्रॉन भारत में नई निवेशक है. वैश्विक स्तर पर मोबाइल फोन बिक्री कारोबार में एप्पल और सैमसंग का हिस्सा करीब 60 प्रतिशत है.

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सूत्र ने बताया, "इन प्रस्तावों के तहत अगले पांच साल में 15,000 रुपये से अधिक कीमत के करीब नौ लाख करोड़ रुपये के मोबाइल हैंडसेटों का उत्पादन किया जाएगा. वहीं 15,000 रुपये से कम कीमत के दो लाख करोड़ रुपये के मोबाइल हैंडसेटों का उत्पादन होगा."

सूत्र ने कहा कि प्रस्तावित उत्पादन क्षमताओं से करीब सात लाख करोड़ रुपये की निर्यात मांग को भी पूरा किया जाएगा.

इस योजना के तहत आवेदन करने वाली भारतीय कंपनियों में लावा, डिक्सन टेक्नोलॉजीज, माइक्रोमैक्ट तथा पैजट इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं. योजना के तहत लावा का अगले पांच साल में 800 करोड़ रुपये का निवेश करने का इरादा है.

(पीटीआई-भाषा)

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