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छत्तीसगढ़ की रीना ने केले के तने से बनाया ईको-फ्रेंडली सेनेटरी नैपकिन - सैनिटरी नैपकिन का इस्तेमाल

रीना 19 अप्रैल को जापान जा रही हैं. रीना के इस अविष्कार को अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान जाएगा, जो कि राज्य और देश दोनों के लिए गर्व की बात है.

छत्तीसगढ़ की रीना

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Published : Mar 25, 2019, 6:24 PM IST

कोरबाः महिलाओं की सुरक्षा समाज में व्याप्त कुरीतियों से तो होनी ही चाहिए साथ ही उनका आंतरिकतौर से भी सुरक्षित होना जरूरी है, जिसके बारे में अक्सर हम बात करने से झिझकते हैं. हम बात कर रहे हैं सैनिटरी नैपकिन के इस्तेमाल की.

जहां एक ओर महिलाएं इन मुद्दों पर बात करने से झिझकती हैं. वहीं दूसरी ओर कोरबा के सरकारी हाईस्कूल में पढ़ने वाली छात्रा रीना ने बाजार में बिकने वाले सैनेटरी पैड के मुकाबले इको-फ्रेंडली सेनेटरी पैड तैयार किया है, जोकि इस्तेमाल में सुरक्षित होने के साथ ही बायोडीग्रेडेबल है.

रीना ने बनाया ईको-फ्रेंडली सेनेटरी नैपकिन

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जापान जाएंगी रीना
रीना के इस आविष्कारकी खबरजापान तक पहुंच गई है. रीना के इस आविष्कार का चयन सकुरा एक्सचेंज प्रोग्राम के लिए हुआ है. रीना जापान में एक परिवार के साथ समय गुजारेंगी और अपने आविष्कार को साझा करेंगी. इस प्रदर्शनी में कई वैज्ञानिक, विद्यार्थी और शिक्षाविद भी मौजूद रहेंगे.

क्या कहती हैं रीना
रीना ने बताया कि ये पैड बाजार में बिकने वाले अन्य सेनेटरी पैड से काफी सस्ता और सुरक्षित है. इस इको-फ्रेंडली सेनेटरी नैपकिन को बनाने के लिए रीना ने केले के तने का इस्तेमाल किया है.

रीना ने बताया कि केले का तना फल कट जाने के बाद किसी काम का नहीं बचता है और वातावरण के लिए भी बोझ है, लेकिन इस केले के तने में भरपूर पानी मौजूद रहता है. इस केले के तने से केरल में कपड़े बनाए जाते हैं.

रीना का ये सफर तीन साल पहले शुरू हुआ और जिसमें उनकी सारथी बनीं उनके स्कूल की प्रिंसिपल फरहाना अली. फरहाना अली ने बताया कि केंद्र सरकार की पहल इंस्पायर अवॉर्ड- मानक के तहत बच्चों के नाम का रेजिस्ट्रेशन हो रहा था. उन्होंने रीना से इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने को कहा. इसके बाद रीना कोइको-फ्रेंडली सेनेटरी पैड बनाने का आइडिया आया.

रीना को है विज्ञान में रुचि
विज्ञान में रुचि रखने वाली रीना के मन में फिर केले के तने से इस पैड को निर्मित करने का विचार आया. इस विचार को रीना ने फरहाना अली से साझा किया. रीना की जिज्ञासा और काबिलियत देखकर फरहाना अली ने उसका मार्गदर्शन शुरू किया. रीना ने कक्षा 9वी में इस पैड को बनाने का सफर शुरू किया. आज वह कक्षा 11वीं की छात्रा हैं.

रीना जब नेशनल लेवल के लिए दिल्ली आईआईटी में अपना प्रदर्शन देने जा रही थीं, तभी रीना की प्रिंसिपल को नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन से फ़ोन आया कि रीना का चयन जापान जाने के लिए हो गया है.


19 अप्रैल को रीना जाएंगी जापान
रीना 19 अप्रैल को जापान जा रही हैं. रीना के इस अविष्कार को अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान जाएगा, जो कि राज्य और देश दोनों के लिए गर्व की बात है.

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