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पीएमसी घोटाला: निकासी सीमा हुई 50 हजार, अब 78 फीसदी खाताधारक निकाल सकेंगे अपना पूरा पैसा

केंद्रीय बैंक द्वारा 23 सितंबर को बैंक पर लगायी गायी पाबंदी के बाद यह चौथा मौका है जब नियामक ने निकासी सीमा बढ़ायी है. उस समय प्रति ग्राहक निकासी सीमा 1,000 रुपये तय की गयी थी. जिसे बढ़ाकर दस हजार, 25 हजार, उसके बाद 40 हजार कर दी गई थी और अब 50 हजार रुपये प्रति खाता कर दिया है.

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Published : Nov 5, 2019, 5:19 PM IST

Updated : Nov 5, 2019, 6:06 PM IST

पीएमसी घोटाला: रिजर्व बैंक ने खाताधारकों के लिए निकासी सीमा बढ़ाकर 50,000 रुपये की

मुंबई: रिजर्व बैंक ने घोटाला प्रभावित पंजाब एंड महाराष्ट्र को-आपरेटिव बैंक (पीएमसी) के खाताधारकों के लिये नकद निकासी सीमा को 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी है. बैंक के खाताधारक छह माह के दौरान 50,000 रुपये तक की निकासी कर सकेंगे.

केंद्रीय बैंक द्वारा 23 सितंबर को बैंक पर लगायी गायी पाबंदी के बाद यह तीसरा मौका है जब नियामक ने निकासी सीमा बढ़ायी है. उस समय प्रति ग्राहक निकासी सीमा 1,000 रुपये तय की गयी थी. इसको लेकर विभिन्न तबकों ने काफी आलोचना की थी.

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अब 78 फीसदी खाताधारक अपना पूरा पैसा निकास पाएंगे
उसके बाद 26 सितंबर को निकासी सीमा बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति खाता कर दी गयी थी. इसके बाद केंद्रीय बैंक ने इसे बाद में बढ़ाकर 25,000 रुपये प्रति खाता कर दिया था, फिर 14 अक्टूबर इसे बढ़ाकर 40,000 हजार कर दिया था. जिसके एक बार इसे बढ़ाकर 50 हजार रुपये प्रति खाता कर दिया है. आरबीआई के मुताबिक अब कुल 78 फीसदी खाताधारक अपना पूरा पैसा निकास पाएंगे.

पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा कर रही है जांच
पीएमसी बैंक रिजर्व बैंक द्वारा नियुक्त प्रशासक के अंतर्गत काम कर रहा है. बैंक के पूर्व प्रबंधकों की पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा जांच कर रही है. पीएमसी 11,600 करोड़ रुपये से अधिक जमा के साथ देश के शीर्ष 10 सहकारी बैंकों में से एक है.

ऋण घोटाले का है मामला
आरबीआई बैंक की स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए है और जमाकर्ताओं के हितों में जरूरी कदम उठाये जाएंगे. बैंक के कामकाज में अनियमितताएं और रीयल एस्टेट कंपनी एचडीआईएल को दिये गये कर्ज के बारे में सही जानकारी नहीं देने को लेकर उस पर नियामकीय पाबंदी लगा दी गयी थी.

अबतक सात से ज्यादा खाताधारकों की गई जान
बैंक ने एचडीआईएल को अपने कुल कर्ज 8,880 करोड़ रुपये में से 6,500 करोड़ रुपये का ऋण दिया था. यह उसके कुल कर्ज का करीब 73 प्रतिशत है. पूरा कर्ज पिछले दो-तीन साल से एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) बनी हुई है. बता दें कि अबतक सात से ज्यादा पीएमसी खाताधारकों की मौत हो गई है.

Last Updated : Nov 5, 2019, 6:06 PM IST

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