नई दिल्ली: वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम ने कहा है कि प्रस्तावित क्षेत्रीय वृहद आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) करार रोजगार को नुकसान पहुंचाने वाला नहीं होना चाहिए. साथ ही यह सरकार की 'मेक इन इंडिया' पहल को भी चोट पहुंचाने वाला नहीं होना चाहिए.
सियाम का यह बयान आरसीईपी ब्लाक के वाणिज्य मंत्रियों की बैंकॉक में बैठक से पहले आया है. आरसीईपी के वाणिज्य मंत्रियों की बैठक 12 अक्टूबर को बैंकॉक में हो रही है. इस बैठक में आरसीईपी के मंत्री निवेश, ई-कॉमर्स, उत्पाद के मूल स्थान और व्यापार उपचार के मुद्दों पर विचार विमर्श करेंगे.
सियाम ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में कुछ प्राप्त करने के लिए कुछ देना पड़ता है. इस तरह के व्यापार करार के तहत पूर्ण वाहनों की पूर्ण निर्मित इकाइयों (सीबीयू) के आयात की अनुमति नहीं होनी चाहिए. सियाम के अध्यक्ष राजन वढ़ेरा ने कहा कि वैश्विक व्यापार का हिस्सा होने की वजह से कुछ प्राप्त करने के लिए कुछ देना भी पड़ता है.