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ऋण चुकौती पर लंबे समय तक रोक लगाने से पैसों का डायवर्सन होगा: किशोर करात - किशोर खरात

कोरोना के कारण उपजे आर्थिक संकट से आम लोगों को राहत देने के लिए सरकार और रिजर्व बैंक हर संभव कदम उठाने को तैयार है. सूत्रों के मुताबिक इसके तहत रिजर्व बैंक ईएमआई पर दी गई राहत (लोन मोरेटोरियम) की सुविधा 31 दिसंबर 2020 तक के लिए बढ़ाने की संभावना तलाशने के लिए सभी पक्षों से बातचीत कर रहा है. मौजूदा लोन मोरेटोरियम की अंतिम तिथि 31 अगस्त है.

ऋण चुकौती पर लंबे समय तक रोक लगाने से पैसों का डायवर्सन होगा: किशोर खरात
ऋण चुकौती पर लंबे समय तक रोक लगाने से पैसों का डायवर्सन होगा: किशोर खरात

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Published : Jul 30, 2020, 11:09 AM IST

Updated : Jul 30, 2020, 1:04 PM IST

नई दिल्ली: जैसा कि अगले महीने के अंत तक ऋण चुकौती स्थगन का दूसरा दौर समाप्त हो रहा है. कई बैंकरों ने बैंकिंग क्षेत्र के नियामक भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ऋण चुकौती पर रोक के संभावित विस्तार के खिलाफ बात की है.

आईडीबीआई बैंक के पूर्व एमडी और सीईओ किशोर करात ने कहा कि पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने इसे 90 दिनों के लिए दिया था, और फिर इसे बढ़ाकर 180 दिनों के लिए बढ़ा दिया था. इसलिए यह विस्तार किस हद तक जाएगा. यह कहा नहीं जा सकता.

इस साल मार्च में रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने उन व्यवसायों और व्यक्तियों के लिए ऋण अदायगी पर 90 दिनों की मोहलत की घोषणा की थी जिनका व्यवसाय और रोजगार पूर्ण राष्ट्रव्यापी तालाबंदी से प्रभावित था.

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मई में आरबीआई ने रोक को और 90 दिनों के लिए बढ़ा दिया. जिससे इसे वाणिज्यिक और व्यक्तिगत ऋणों के पुनर्भुगतान पर छह महीने की मोहलत मिल गई. कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण आर्थिक मंदी और नौकरी के नुकसान के कारण लोगों और व्यवसायों को अपने ऋण चुकाने के लिए संघर्ष करना पड़ा है.

पिछले साल के आखिर में चीन में पहला मामला सामने आने के बाद महज सात महीने में इस वायरस ने भारत में 26,000 से ज्यादा लोगों की जान ले ली है.

आईएमएफ के एक अनुमान के अनुसार वैश्विक अर्थव्यवस्था को 9 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान होने की आशंका है. भारत की आर्थिक वृद्धि भी चालू वित्त वर्ष में नकारात्मक होने की संभावना है.

किशोर खरात जिन्होंने आईडीबीआई बैंक में कॉर्पोरेट ऋण पुनर्गठन (सीडीआर) तंत्र को संभाला है वे कहते हैं कि रिजर्व बैंक ने मई में स्थगन को एक और 90 दिनों के लिए बढ़ा दिया क्योंकि सरकार ने उस समय देश में आर्थिक गतिविधि को अनलॉक करना शुरू नहीं किया था.

इस हफ्ते की शुरुआत में एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास से अनुरोध किया था कि वे 31 अगस्त को समाप्त होने वाली ऋण अदायगी पर स्थगन का विस्तार न करें.

सीआईआई द्वारा सोमवार को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के साथ एक सत्र के दौरान पारेख ने कहा कि कृपया मोरेटोरियम की अवधि अब न बढ़ाएं. इसका गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. कुछ व्यक्ति और बड़ी कंपनियां कर्ज चुकाने में सक्षम होने के बावजूद इस योजना का लाभ उठा रहे हैं. इससे बैंकों और एनबीएपसी की वित्तीय सेहत पर गंभीर असर पड़ रहा है.

इसी कार्यक्रम में भारती एंटरप्राइजेज के वाइस चेयरमैन राकेश भारती मित्तल ने स्थगन के विस्तार करने के लिए कहा क्योंकि व्यवसाय वापस पटरी पर नहीं आए हैं.

हालांकि, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस मुद्दे पर कहा कि सभी विचार नियामक द्वारा नोट किए गए हैं.

किशोर करात जैसे शीर्ष बैंकर जो सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों - भारतीय बैंक और आईडीबीआई बैंक के एमडी और सीईओ थे ने भी आरबीआई द्वारा एक और विस्तार के दुरुपयोग की आशंका को प्रतिध्वनित किया है.

किशोर खरात ने मुंबई स्थित कैश एंड एटीएम मैनेजमेंट फर्म ईपीएस इंडिया द्वारा आयोजित बैंकिंग और बिजनेस डायलॉग में कहा, "शायद लोग अनुचित लाभ उठाएंगे."

उन्होंने बैंकिंग सर्कल में यह आशंका भी व्यक्त की कि कुछ व्यवसाय वास्तव में ऋण अदायगी पर लंबे समय तक रोक के कारण उनके साथ उपलब्ध अधिशेष धन को डायवर्ट कर सकते हैं.

किशोर करात ने कहा कि जो व्यवसाय काम कर रहे हैं, वे भी लंबे समय तक रोक के कारण भुगतान नहीं करेंगे.

(ईटीवी भारत रिपोर्ट)

Last Updated : Jul 30, 2020, 1:04 PM IST

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