नई दिल्ली: बरसात का सीजन खत्म होने के बाद शाक-सब्जियों की नई फसल की आवक बढ़ने के साथ तमाम सब्जियों की कीमतों में थोड़ी नरमी आ सकती है. मगर आलू की महंगाई से बहरहाल राहत मिलने के आसार नहीं है, क्योंकि आगे नवरात्र शुरू हो रहा है और इस दौरान आलू की खपत हर साल बढ़ जाती है.
देश की राजधानी दिल्ली स्थित आजादपुर मंडी में बीते कुछ दिनों से आलू का थोक भाव 12 रुपये से 51 रुपये प्रति किलो चल रहा है जबकि दिल्ली-एनसीआर में आलू (सामान्य वेरायटी) का खुदरा दाम 40 से 50 रुपये प्रति किलो चल रहा है. वहीं, खास क्वालिटी के आलू का खुदरा भाव ऊंचा है.
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आजादपुर मंडी पोटैटो ऑनियन मर्चेंट एसोसिएशन यानी पोमा के जनरल सेक्रेटरी राजेंद्र शर्मा बताते हैं कि नवरात्र के दौरान व्रत में लोग आलू खाते हैं, जिससे आलू की खपत इस दौरान बढ़ जाती है. नवरात्र इस साल 17 अक्टूबर से आरंभ हो रहा है और 25 अक्टूबर को दशहरे का त्योहार है जिसके साथ ही नवरात्र समाप्त हो जाएगा.
शर्मा कहते हैं कि आलू के दाम में बढ़ोतरी की मुख्य वजह आवक में कमी है. आजादपुर मंडी में आलू की आवक पिछले साल से तकरीबन 40-50 फीसदी कम हो रही है. वहीं, कीमतों में पिछले साल से दोगुना से ज्यादा का इजाफा हो गया है.
बताया जा रहा है कि आलू की महंगाई देख अच्छे भाव की उम्मीदों में किसानों ने आलू की खेती में पूरी ताकत झोंकी है. उत्तर-भारत में आलू की बुवाई शुरू हो चुकी है.