नई दिल्ली:केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि किसानों को "गुमराह और भ्रमित" करने और उनके प्रदर्शन का फायदा उठाने की कोशिश की जा रही है. साथ ही उन्होंने किसान संगठनों से सरकार से सार्थक बातचीत कर गतिरोध समाप्त करने की अपील भी की.
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि मामले पर विेदशों से आ रहे बयान अनुचित और अकारण हैं क्योंकि भारत ने कभी किसी अन्य देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं किया है.
'कुछ ताकतें कर रही किसानों को गुमराह'
केन्द्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री नितिन गडकरी ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, "कुछ ताकतों द्वारा किसानों को गुमराह और भ्रमित करने और प्रदर्शन का फायदा उठाने की कोशिश की जा रही है. इस तरह की राजनीति देश हित में नहीं है. लोकतंत्र में, सरकार बातचीत को तैयार है. हम उनकी वास्तविक मांगों को स्वीकार करने को तैयार हैं. उन्हें आगे आकर बातचीत करनी चाहिए."
गडकरी ने समस्या के समाधान के लिए 'संवाद को एक जरिया' बताते हुए कहा, "जब सरकार बातचीत को तैयार है, तो किसानों को भी आगे आना चाहिए" क्योंकि "जहां संवाद नहीं होता, वहां समस्याएं और गलतफहमियां होती हैं."
मंत्री ने कहा कि उन्हें यह बात समझ नहीं आ रही कि नक्सलियों का समर्थन करने वाले लोगों की तस्वीरें, जिनका किसानों से कोई नाता नहीं है, वे किसान प्रदर्शन के दौरान क्यों नजर आ रही हैं.
किसानों को सरकार के साथ करनी चाहिए बातचीत
उन्होंने कहा कि किसानों को ऐसे तत्वों के प्रयास विफल करने चाहिए और सरकार के साथ तीनों कृषि कानूनों पर बातचीत करनी चाहिए. यह पूछे जाने पर कि गतिरोध आखिर समाप्त क्यों नहीं हो रहा, गडकरी ने कहा कि किसान संगठनों को यह समझना चाहिए कि कुछ तत्व उन्हें भ्रमित करना चाहते हैं.
साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वे लोग जो केवल मंडी में सामान बेचने की बात कर रहे हैं, वे असल में वे लोग हैं, जो किसानों के साथ अन्याय कर रहे हैं.