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बंगाल के बाद अब ओडिशा को भी मिला रसगुल्ले पर जीआई टैग, नाम हुआ 'ओडिशा रसगोला' - Odisha Rasgulla

जीआई टैग किसी वस्तु के किसी खास क्षेत्र या इलाके में विशेष होने की मान्यता देता है. साल 2015 से, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के बीच रसगुल्ले की शुरुआत को लेकर जंग चल रही है. बंगाल को 2017 में उसके रसगुल्ले के लिए जीआई टैग प्राप्त हुआ था.

बंगाल के बाद अब ओडिशा को भी मिला रसगुल्ले पर जीआई टैग, नाम हुआ 'ओडिशा रसगोला'

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Published : Jul 29, 2019, 7:11 PM IST

Updated : Jul 29, 2019, 7:57 PM IST

भुवनेश्वर:ओडिशा ने सोमवार को अपने रसगुल्ले के लिए बहुप्रतीक्षित भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग हासिल किया. सूत्रों ने बताया कि भौगोलिक संकेत रजिस्ट्रार, चेन्नई ने वस्तु भौगोलिक संकेत (पंजीकरण एवं संरक्षण), कानून 1999 के तहत इस मिठाई को ओडिशा रसगुल्ला के तौर पर दर्ज करने का प्रमाणपत्र जारी किया. यह प्रमाणपत्र 22 फरवरी 2028 तक वैध रहेगा.

जीआई टैग किसी वस्तु के किसी खास क्षेत्र या इलाके में विशेष होने की मान्यता देता है. साल 2015 से, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के बीच रसगुल्ले की शुरुआत को लेकर जंग चल रही है. बंगाल को 2017 में उसके रसगुल्ले के लिए जीआई टैग प्राप्त हुआ था.

जीआई टैग मिलने पर खुशी जाहिर करते ओडिशा के लोग

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इसके अगले साल, ओडिशा लघु उद्योग निगम लिमिटेड (ओएसआईसी) ने रसगुल्ला कारोबारियों के समूह उत्कल मिष्ठान व्यावसायी समिति के साथ मिलकर ओडिशा रसगुल्ले को जीआई टैग देने के लिए आवेदन किया था. इस घटनाक्रम का स्वागत करते हुए, विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रदीप्त नाइक ने कहा कि राज्य को यह टैग बहुत पहले ही मिल जाना चाहिए था.

जीआई टैग प्रमाणपत्र

भाजपा नेता ने कहा, "इसे मिलने में राज्य सरकार की लापरवाही के कारण देरी हुई."

रसगुल्ला भगवान जगन्नाथ के लिए निभाई जाने वाली राज्य की सदियों पुरानी परंपराओं का हिस्सा रहा है और इसका जिक्र 15वीं सदी के उड़िया काव्य दांडी रामायण में भी मौजूद है.

Last Updated : Jul 29, 2019, 7:57 PM IST

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