नई दिल्ली: पूंजी के संकट के दौर से गुजर रहे निजी क्षेत्र के लक्ष्मी विलास बैंक को क्लिक्स कैपिटल की ओर से गैर- बाघ्यकारी विलय प्रस्ताव प्राप्त हुआ है. इस बारे में ईटीवी भारत ने बैंक के सदस्य शक्ति सिन्हा से बात की.
शक्ति सिन्हा ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के साथ लक्ष्मी विलास बैंक के संभावित विलय के बारे में ईटीवी भारत के सवाल के जवाब में बताया, "हम इसके बारे में नहीं जानते, कम से कम मुझे इसके बारे में जानकारी नहीं है." हालांकि उन्होंने क्लिक्स कैपिटल की ओर से गैर- बाघ्यकारी विलय प्रस्ताव प्राप्त होने की बात मानी है.
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चेन्नई का लक्ष्मी विलास बैंक लंबे समय से निवेशक और पूंजी की तलाश में है. बैंक को एक बड़ा झटका तब लगा जब उसके शेयरधारकों ने 25 सितंबर को मतदान कर निदेशक मंडल से सात निदेशकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया था. इसमें बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस. सुंदर और प्रवर्तक के. आर. प्रदीप एवं एन. साइप्रसाद शामिल हैं.
कुछ समाचार रिपोर्टों में ये बताया गया कि पंजाब नेशनल बैंक जल्द ही लक्ष्मी विलास बैंक का अधिग्रहण कर सकता है. हालांकि, बाद में पीएनबी ने रिपोर्टों का खंडन किया.
जैसा कि पहले ईटीवी भारत द्वारा रिपोर्ट किया गया था और आरबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी पुष्टि की थी कि रिजर्व बैंक येस बैंक की तर्ज पर बैंक के लिए बाजार या निवेशक के नेतृत्व की तलाश कर रहा है और बैंक का बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक में विलय हो सकता है.