नई दिल्ली: सरकार ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि उसका, आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती के बावजूद चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.3 प्रतिशत के अपने वित्तीय घाटे के लक्ष्य को संशोधित करने का कोई इरादा नहीं है.
राज्यसभा में यह पूछा गया था कि क्या सरकार, आर्थिक मंदी के मद्देनजर राजकोषीय घाटे को संशोधित करना चाहती है? वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने अपने लिखित उत्तर में कहा, "नहीं."
मंत्री ने आगे कहा कि सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों का खर्च संसद द्वारा अनुमोदित अनुमान के अनुसार है. वित्त वर्ष की पहली छमाही में, विभिन्न मंत्रालयों और विभागों द्वारा बजट अनुमानों का 53.4 प्रतिशत खर्च किया गया था.
ठाकुर ने आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को भी जानकारी दी. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर छह साल के निचले स्तर 5 प्रतिशत पर आ गई.
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एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए, ठाकुर ने कहा कि बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां 31 मार्च, 2018 तक 10,36,187 करोड़ रुपये के शिखर पर पहुंचने के बाद, 97,996 करोड़ रुपये घटकर 30 जून, 2019 तक 9,38,191 करोड़ रुपये रह गई हैं.
पिछले चार वित्तीय वर्षों में और चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही तक बैंकों ने 4,27,115 करोड़ रुपये की 'रिकॉर्ड रिकवरी' (वसूली) की है जिसमें वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान 1,56,702 करोड़ रुपये की वसूली भी शामिल है.