दिल्ली

delhi

By

Published : Jul 5, 2019, 2:41 PM IST

Updated : Jul 5, 2019, 3:19 PM IST

ETV Bharat / business

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का शायराना अंदाज़, सभी कह उठे- 'वाह..वाह...वाह'

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण की शुरुआत में चाणकय नीति और उर्दू के मशहूर शायर मंजूर हाशमी की गज़ल की पंक्तियां पढ़कर माहौल खुशनुमा बना दिया.

ग्राफिकल इमेज।

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण की शुरुआत में अपने शायराना अंदाज़ से माहौल खुशनुमा बना दिया. वित्त मंत्री ने पहले चाणकय नीति का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि यदि मनुष्य दृढ़ विश्वास के साथ कोशिश करे, तो कार्य जरूर सफल होता है. वित्त मंत्री यहीं नहीं रुकी, फिर उन्होंने उर्दू के मशहूर शायर मंजूर हाशमी की गज़ल की पंक्तियां पढ़ीं-

यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है,
हवा की ओट भी ले कर चराग जलता है.

कौन हैं मंजूर हाशमी?
मंजूर हाशमी उत्‍तर प्रदेश के बदायूं से संबंध रखते थे. 14 सितंबर 1935 को पैदा हुए मंजूर हाशमी साल 2008 में अलीगढ़ में अपने चाहने वालों को हमेशा के लिए अलविदा कह गए. हाशमी ने कई मशहूर ग़ज़लें, शायरी और कविताएं लिखीं. उनकी शायरी के लोग आज भी दीवाने हैं.

देखें वीडियो।

पूरी गज़ल

सफ़र में अब के ये तुम थे कि ख़ुश-गुमानी थी
यही लगा कि कोई साथ साथ चलता है

ग़िलाफ़-ए-गुल में कभी चाँदनी के पर्दे में
सुना है भेस बदल कर भी वो निकलता है

लिखूँ वो नाम तो काग़ज़ पे फूल खिलते हैं
करूँ ख़याल तो पैकर किसी का ढलता है

रवाँ-दवाँ है उधर ही तमाम ख़ल्क़-ए-ख़ुदा
वो ख़ुश-ख़िराम जिधर सैर को निकलता है

उम्मीद ओ यास की रुत आती जाती रहती है
मगर यक़ीन का मौसम नहीं बदलता है

(मंजूर हाशमी)

आम बजट के भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने बताया कि मेक इन इंडिया के अनुसार जल प्रबंधन, स्वच्छ नदियां, ब्लू इकॉनोमी, अंतरिक्ष अभियान, गगनयान, चंद्रयान और सेटेलाइट अभियान पर खास ध्यान दिया गया है.

Last Updated : Jul 5, 2019, 3:19 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details