नई दिल्ली : न्यूयॉर्क की एक अदालत ने केयर्न इंडिया द्वारा अमेरिका में एयर इंडिया की परिसंपत्तियों पर नियंत्रण हासिल करने के मुकदमे को फिलहाल रोक दिया है. मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने भारत सरकार के खिलाफ केयर्न के पक्ष में फैसला सुनाया था. इस फैसले के तहत ब्रिटिश कंपनी केयर्न को सरकार से 1.2 अरब डॉलर की वसूली करनी थी.
न्यूयॉर्क की अदालत ने केयर्न को भारत सरकार के साथ लंबे समय से जारी विवाद को निपटाने के लिए समय देने को फिलहाल इस मामले को रोक दिया है.
पीटीआई के पास उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार, न्यूयॉर्क जिला अदालत ने इस कर मुकदमे को 18 नवंबर तक टाल दिया है. इससे पहले केयर्न इंडिया और एयर इंडिया ने संयुक्त रूप से अदालत से इस मामले में प्रक्रिया को रोकने का आग्रह किया था. भारत सरकार ने पिछली तारीख से कराधान को समाप्त कर दिया था और नया कानून लागू किया था. जिसके बाद केयर्न इंडिया ने अदालत से यह आग्रह किया था.
नए कानून के बाद सरकार केयर्न से 10,247 करोड़ रुपये की कर मांग को वापस लेगी. मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि वित्त मंत्रालय नए नियम तैयार कर रहा है जिसके तहत केयर्न और 16 अन्य कंपनियों के खिलाफ पिछली तारीख से कर की मांग को वापस लिया जाएगा. इनमें ब्रिटेन की कंपनी वोडाफोन ग्रुप से भी कर मांग शामिल है.
इन नियमों के तहत कंपनियों को सरकार के खिलाफ सभी मुकदमे वापस लेने होंगे. उसके एवज में सरकार उनसे वसूला गया पैसा वापस लौटाएगी. इसके बाद ही मामले का निपटान होगा.
कंपनियों को एक फॉर्मेट का इस्तेमाल कर इस बारे में आश्वासन देना होगा. उसके बाद उनसे वसूला गया धन लौटाया जाएगा. कुल मिलाकर सरकार को करीब 8,100 करोड़ रुपये की राशि लौटानी है. इसमें से 7,900 करोड़ रुपये अकेले केयर्न को लौटाए जाने हैं.