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मैकडॉनल्ड्स और विक्रम बख्शी के समझौते पर एनसीएलएटी ने लगाया विराम

एनसीएलएटी के चेयरमैन न्यायमूर्ति एस जे मुखोपाध्याय की अगुवाई वाली दो सदस्यीय पीठ ने आवास एवं शहरी विकास निगम (हुडको) की ओर से दायर हस्तक्षेप याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए संबद्ध पक्षों से इस मामले को सुलझाने को कहा. पीठ ने इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख 27 मई तय की है.

मैकडॉनल्ड्स और विक्रम बख्शी के समझौते पर एनसीएलएटी ने लगाया विराम

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Published : May 16, 2019, 12:32 PM IST

नई दिल्ली: राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र की हुडको की विक्रम बख्शी पर 195 करोड़ रुपये का बकाया होने के दावे वाली 'हस्तक्षेप याचिका' को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है. बख्शी अमेरिका की मैकडॉनल्ड्स के भारतीय भागीदार रह चुके हैं.

एनसीएलएटी के चेयरमैन न्यायमूर्ति एस जे मुखोपाध्याय की अगुवाई वाली दो सदस्यीय पीठ ने आवास एवं शहरी विकास निगम (हुडको) की ओर से दायर हस्तक्षेप याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए संबद्ध पक्षों से इस मामले को सुलझाने को कहा. पीठ ने इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख 27 मई तय की है.

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फास्ट फूड श्रृंखला मैकडॉनल्ड्स ने बख्शी के साथ अदालत के बाहर कनॉट प्लाजा रेस्टोरेंट लि. (सीपीआरएल) को खरीदने का समझौता किया है. यह रेस्तरां श्रृंखला उत्तर और पूर्वी भारत में अमेरिका की फास्ट फूड कंपनी के आउटलेट्स का परिचालन करती है. हुडको ने बख्शी से अपने बकाये के मांग की याचिका एनसीएलएटी के समक्ष दायर की है.

हुडको चाहता है कि मैकडॉनल्ड्स के साथ सौदा पूरा होने से पहले उसका बकाया मिलना चाहिये. सुनवाई के दौरान हुडको का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपीलीय न्यायाधिकरण को सूचित किया कि 195 करोड़ रुपये के बकाये का मामला दिल्ली के ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) में चल रहा है. उन्होंने कहा कि अभी इस मामले का निपटान नहीं हो सकता. यह मामला लंबित है.

मेहता ने कहा कि बख्शी द्वारा कनॉट प्लाजा रेस्टोरेंट लि. में अपनी हिस्सेदारी की बिक्री से पहले उसके बकाया का निपटान किया जाए. उन्होंने बताया कि डीआरटी ने बख्शी पर सीपीआरएल में अपने शेयर बेचने या उसे स्थानांतरित करने पर रोक लगाई है. हालांकि, बख्शी और मैकडॉनल्ड्स के वकील ने अपीलीय न्यायाधिकरण से आगे बढ़ने की अपील करते हुए कहा कि उनका यह करार पूरा होने के करीब है.

उन्होंने पीठ से एक दूसरे के खिलाफ दायर अपनी अपनी याचिका को वापस लेने का भी आग्रह किया. इस पर पीठ ने कहा कि हम न्यायाधिकरण के आदेश को रोक नहीं सकते. उन्होंने कहा कि यदि यह समझौता कानून के विपरीत होता है तो हम इसे दर्ज नहीं कर सकते. एनसीएलएटी चेयरमैन ने कहा कि आप इसका निपटान कीजिये (हुडको के साथ).

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