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प्लास्टिक के इस्तेमाल पर अंकुश के लिए टोकन मशीन वाले दूध को प्रोत्साहित करेगी मदर डेयरी

मदर डेयरी ने वर्ष 2020 तक 25 राज्यों से 830 टन प्लास्टिक संग्रहण करने और उसका पुनर्चक्रीकरण (रीसाइकिल) करने का संकल्प किया है. कंपनी इस कार्य को केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के द्वारा प्रमाणित 'उत्पादक उत्तरदायित्व संगठन' की मदद से करेगी.

प्लास्टिक के इस्तेमाल पर अंकुश के लिए टोकन मशीन वाले दूध को प्रोत्साहित करेगी मदर डेयरी

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Published : Sep 29, 2019, 4:35 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 11:35 AM IST

नई दिल्ली: प्लास्टिक के उपयोग पर अंकुश लगाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान के बाद देश की प्रमुख डेयरी कंपनी मदर डेयरी ने प्लास्टिक की थैली वाले दूध के बजाय टोकन मशीन से दूध बिक्री पर 'बड़ी छूट' देकर इसको प्रोत्साहित करने और होम डिलिवरी जैसी पहल शुरू की है.

मदर डेयरी ने वर्ष 2020 तक 25 राज्यों से 830 टन प्लास्टिक संग्रहण करने और उसका पुनर्चक्रीकरण (रीसाइकिल) करने का संकल्प किया है. कंपनी इस कार्य को केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के द्वारा प्रमाणित 'उत्पादक उत्तरदायित्व संगठन' की मदद से करेगी.

प्रधानमंत्री मोदी ने आगामी दो अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती से देश में एक बार इस्तेमाल कर फेंक दिए जाने प्लास्टिक के सामानों को छोड़ने की अपील की है. प्लास्टिक के बढ़ते कचरे से पर्यावरण, मानव एवं दुधारू पशुओं के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव को रोकने के लिए यह आह्वान किया गया है.

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मदर डेयरी के प्रबंध निदेशक संग्राम चौधरी ने पीटीआई-भाषा से कहा, "हम टोकन से होने वाली दूध की बिक्री को बहुत प्रोत्साहित कर रहे हैं और इसके लिए प्रति लीटर चार रुपये की छूट भी दे रहे हैं ताकि उपभोक्ताओं में टोकन के माध्यम से दूध खरीदने का प्रचलन बढ़े."

उन्होंने कहा, "हम दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में 'होम डिलिवरी' मॉडल पर काम शुरू कर रहे हैं. मोबाइल डिलिवरी वैन बढ़ाई जायेंगी। पोषण की समस्या को ध्यान में रखकर, मदर डेयरी पहले से ही टोकन से बेचे जाने वाले दूध में विटामिन ए और डी का सम्मिश्रण सुलभ करा रही है. विटामिन ए सम्मिश्रण का काम वर्ष 1986 में शुरू किया गया था जबकि विटामिन डी सम्मिश्रण का काम वर्ष 2016 में शुरू किया गया है."

टोकन से दूध खरीद के प्रचलन को बढ़ाने के लिए व्यापक प्रचार अभियान चलाने के अलावा मदर डेयरी टोकन दूध बिक्री केन्द्रों का जीर्णोद्धार करेगी.

चौधरी ने कहा, "मदर डेयरी किसानों से 44-45 रुपये लीटर के भाव से दूध खरीदती है और प्लास्टिक उपयोग को हतोत्साहित करने के मकसद से टोकन के जरिये दूध की बिक्री 40 रुपये लीटर के भाव करती है. मदर डेयरी की सालाना दूध उत्पादन क्षमता 10 लाख टन होने के कारण ग्राहकों को दी जाने वाली इस छूट से कंपनी पर सालाना 140 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा.

उन्होंने कहा, "मदर डेयरी ने टोकन से दूध बिक्री काम वर्ष 1974 से शुरू किया था और इससे अब तक करीब 40 हजार टन प्लास्टिक इस्तेमाल को रोका है. दिल्ली और एनसीआर में प्रतिदिन हर घर में पैकबंद दूध की बिक्री के जरिये छह ग्राम प्लास्टिक पहुंचता है जो साल में लगभग 2.30 किलो प्रति घर बैठता है. कुल मिलाकर यह करीब 900 टन होता है."

उन्होंने बताया कि मदर डेयरी मौजूदा समय में प्रतिदिन छह लाख लीटर टोकन दूध बेचती है, लेकिन दूध प्रसंस्करण क्षमता को बढ़ाकर 10 लाख टन करने के बाद आधारभूत ढांचा केन्द्रों का आधुनिकीकरण किया जायेगा ताकि ग्राहकों को शानदार अनुभव प्राप्त हो सके.

उन्होंने कहा कि इस महीने की शुरुआत में मदर डेयरी के बूथों के माध्यम से प्लास्टिक की थैलियां जमा करने की मुहिम शुरू की गयी. इसके तहत दो अक्टूबर तक दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 1,000 किलोग्राम प्लास्टिक की थैलियां इकट्ठी की जाएंगी. इनसे रावण का पुतला तैयार किया जाएगा और गांधी जयंती के अवसर पर पुतले का पुनर्चक्रीकरण किया जाएगा.

इसके अलावा, मदर डेयरी ने पूरी तरह से प्लास्टिक के उपयोग से बचने के लिए वैकल्पिक पैकेजिंग और वितरण प्रणाली विकसित करने के लिए अनुसंधान शुरू किया है.

Last Updated : Oct 2, 2019, 11:35 AM IST

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