नई दिल्ली: आज भारत और सऊदी अरब के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आधिकारिक यात्रा के दौरान वेस्ट कोस्ट रिफाइनरी प्रोजेक्ट और भारत के रणनीतिक पेट्रोलियम रिजर्व (एसपीआर) कार्यक्रम सहित ऊर्जा क्षेत्र में प्रमुख सौदों को अंतिम रूप देने की कोशिश करेंगे.
किंग सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सऊद के निमंत्रण पर सऊदी अरब का दौरा कर रहे मोदी आज फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव (एफआईआई) के शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और तीसरे सत्र में मुख्य भाषण देंगे.
मोदी राजा और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे.
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दोनों पक्षों को वेस्ट कोस्ट रिफाइनरी प्रोजेक्ट, महाराष्ट्र में 44 बिलियन डॉलर की एक परियोजना को अंतिम रूप देने की उम्मीद है. जिसमें सऊदी अरामको की काफी हिस्सेदारी है.
वैश्विक बड़ी कंपनियों सऊदी अरामको और अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी ने भारतीय सरकारी तेल विपणन कंपनियों इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के साथ एक संयुक्त उद्यम बनाया था. यह उद्यम वेस्ट कोस्ट रिफाइनरी परियोजना के रूप में जानी जाने वाली रत्नागिरी रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल्स कॉर्प लिमिटेड में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी रखती है और इसे चलाती है.
यह सौदा रिलायंस और सऊदी अरामको के बीच इस साल अगस्त में घोषित सौदे के बाद आया है. इस सौदे के अनुसार आरआईएल अपने शोधन और पेट्रोकेमिकल कारोबार में अरामको को 15 बिलियन डॉलर यानि 20 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी. सौदे की शर्तों के अनुसार सऊदी अरामको, जामनगर में आरआईएल की जुड़वां रिफाइनरियों को प्रतिदिन 5 लाख बैरल कच्चे तेल की आपूर्ति करेगा.