नई दिल्ली : वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि उसने ग्रामीण स्थानीय-निकायों को अनुदान जारी करने के लिए 18 राज्यों को 18,351 करोड़ रुपये जारी किए हैं. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह राशि वित्त वर्ष 2020-21 में जारी की गई मूल अनुदान की दूसरी किस्त है.
बयान के मुताबिक वित्त मंत्रालय के तहत व्यय विभाग ने ग्रामीण स्थानीय निकायों (आरएलबी) को अनुदान देने के लिए 18 राज्यों को 12,351.5 करोड़ रुपये जारी किए हैं.
आरएलबी को यह अनुदान 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार सामुदायिक संपत्ति के निर्माण और ग्रामीण स्थानीय निकायों की वित्तीय हालत में सुधार के लिए जारी किया गया है.
आरएलबी के लिए 15वें वित्त आयोग ने दो तरह के अनुदान - मूल और सशर्त - की सिफारिश की है. मूल अनुदान का इस्तेमाल स्थानीय निकाय किसी खास स्थानीय जरूरत के लिए कर सकते हैं. सशर्त अनुदान का इस्तेमाल कुछ बुनियादी सेवाओं के लिए किया जा सकता है, जैसे शौचालय या पानी की आपूर्ति.
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मंत्रालय ने कहा कि उक्त अनुदान केंद्र और राज्य द्वारा स्वच्छ भारत के लिए जारी धनराशि और जल जीवन मिशन जैसी केंद्र प्रायोजित योजनाओं के अलावा हैं, ताकि आरएलबी को अतिरिक्त धनराशि मिल सके. राज्यों को केंद्र सरकार से अनुदान मिलने के 10 कार्य दिवसों के भीतर उन्हें आरएलबी को देना जरूरी है.
इससे अधिक देरी होने पर राज्य सरकारों को ब्याज के साथ अनुदान जारी करना पड़ता है. मूल अनुदान की पहली किस्त के रूप में 18,199 करोड़ रुपये राज्यों को जून 2020 में जारी किए गए थे.