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आईएलएंडएफएस मामले में डेलॉयट पर शिकंजा कसेगा मंत्रालय

डेलॉयट द्वारा आईएलएंडएफएस के खातों में हेराफरी करने, लेखाकारों द्वारा तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने, खातों को उसकी वास्तविकता से बेहतर दिखाने और गलत कार्यप्रणाली का इस्तेमाल करने के लिए मंत्रालय उसे हटा सकता है.

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Published : Apr 26, 2019, 8:19 AM IST

नई दिल्ली : कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय आईएलएंडएफ के संदिग्ध मामले में डेलॉयट हस्किंस एंड सेल्स के खिलाफ कार्रवाई करने को तैयार है.

आईएएनएस को मिली जानकारी के अनुसार, कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने डेलॉयट के एक दशक से ऊपर के कदाचार को सख्ती से लिया है.

डेलॉयट द्वारा आईएलएंडएफएस के खातों में हेराफरी करने, लेखाकारों द्वारा तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने, खातों को उसकी वास्तविकता से बेहतर दिखाने और गलत कार्यप्रणाली का इस्तेमाल करने के लिए मंत्रालय उसे हटा सकता है.

गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) ने बुधवार को आईएलएंडएफएस की लेखाबही में गड़बड़ी के आरोप में डेलॉयट के पूर्व कार्यकारी अधिकारी उदयन सेन और दो अन्य लोगों से पूछताछ की.

जांच एजेंसी को हाल ही में डेलॉयट हस्किंस एंड सेल्स के एक व्हिसल ब्लोअर का पत्र मिला था, जिसमें कंपनी की लेखाबही में लेखांकन संबंधी कई कमियों के बारे में बताया गया है.

पत्र में आरोप लगाया गया है कि ऑडिट कंपनी ने इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी को एक जटिल संरचना की सिफारिश की थी जिसके लिए उसे आईएलएंडएफएस से शुल्क में मोटी रकम मिली थी.

रवि पार्थसारथि की अगुवाई करीबी लोगों का समूह था जो एक गुप्त समाज की तरह काम करता था और गैरपेशेवर व अपारदर्शी तरीके से कंपनी के 30 साल के विवरणों का संचालन करता था.
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