नई दिल्ली: देश के 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने सरकार के और अधिक हवाईअड्डों के निजीकरण और भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) में हिस्सेदारी बेचने के प्रस्ताव की मंगलवार को कड़ी आलोचना की.
श्रमिक संगठनों ने अपने संयुक्त बयान में कहा, "एक ही कारोबार इकाई को हवाईअड्डों का ठेका देने से एकाधिकार बढ़ेगा. इससे वह कारोबार समूह यात्रियों और विमानन कंपनियों से अतिरिक्त राजस्व कमाने पर जोर देगा."
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बयान में कहा गया है कि पहले भी मुंबई और दिल्ली के हवाईअड्डों के निजीकरण के बाद भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की आय में नुकसान और लीकेज देखी गयी है.
संगठनों ने कहा कि हवाईअड्डों का निजीकरण तत्काल रोका जाना चाहिए. यह देश में हवाई यात्रियों और विमानन कंपनियों दोनों की लागत बढ़ाएगा. नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने 18 अगस्त को घोषणा की थी कि मंत्रालय मंत्रिमंडल के समक्ष और अधिक हवाईअड्डों के निजीकरण का प्रस्ताव रखेगा.
इस साल अब तक 12 हवाईअड्डों के निजीकरण के प्रस्ताव पर मुहर लग चुकी है. इसमें लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मंगलुरू, तिरुवतनंतपूरम, गुवाहाटी, अमृतसर, वाराणसी, भुवनेश्वर, इंदौर, रायपुर और त्रिची शामिल हैं.