मुंबई: कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग प्रकरण के बाद पूंजी बाजार नियामक सेबी ने बुधवार को कहा कि यह ब्रोकरेज कंपनी ऐसी गतिविधियों में लिप्त पाई गई जिनकी कभी अनुमति नहीं दी गई थी. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन अजय त्यागी की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब नियामक ने कुछ ही दिन पहले स्टॉक ब्रोकिंग फर्म कार्वी के कामकाज करने पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई है.
जून में सेबी ने जारी किया था सर्कुलर
कार्वी ब्रोकिंग फर्म उसके पास रखे ग्राहकों के शेयरों में अपनी सहयोगी इकाइयों के जरिये खरीद-फरोख्त करने के काम में लिप्त पाई गई. त्यागी ने कहा कि जून में सेबी ने एक सर्कुलर जारी कर अपनी स्थिति इस मामले में स्पष्ट कर दी थी कि किसी भी इकाई को इस तरह की गतिविधियों में संलिप्त नहीं होना चाहिये. इससे पहले की भी इस तरह की गतिविधियों में संलिप्तता को स्वीकार नहीं किया जायेगा.
"बुनियादी तौर पर इन कामों की अनुमति ही नहीं थी"
सेबी अध्यक्ष ने यहां कंपनी संचालन पर आयोजित आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) की एशियाई बैठक के मौके पर अलग से संवाददाताओं से कहा, "बुनियादी तौर पर जिसकी कभी अनुमति नहीं थी, वह काम किया जा रहा था. ऐसा नहीं है कि इसके लिये जून में ही मना किया गया है."
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