नई दिल्ली: 600 आईटी अधिकारियों सहित 3,130 कर कर्मचारी आयकर की फेसलेस ई-आकलन योजना को लागू करने में व्यस्त हैं. फेसलेस मूल्यांकन के लिए चुने गए 58,319 मामलों में से पहले ही 8,700 मामलों का निपटारा किया जा चुका है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पहली बार 2019 के बजट भाषण में घोषित की गई इस योजना को पारदर्शी कर प्रशासन की ओर एक बड़ी छलांग के रूप में देखा जा रहा है.
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प्रधान आयकर आयुक्त और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के सदस्य एस के गुप्ता ने कहा कि यह पहली बार है कि हम फेसलेस ई-मूल्यांकन कर रहे हैं. इंफ्रास्ट्रक्चर, मैनपावर, हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर से जुड़े तमाम मुद्दों पर ध्यान देने के बाद जुलाई से काम शुरू हुआ है. हमारा लक्ष्य सितंबर के मध्य तक सभी मामलों को खत्म करना है.
अक्टूबर 2019 में आयकर विभाग ने एक मूल्यांकन अधिकारी और एक निर्धारिती के बीच शारीरिक इंटरफ़ेस को समाप्त करने वाली फेसलेस ई-आकलन योजना को शुरू किया. आठ शहर - मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, बैंगलोर, हैदराबाद, अहमदाबाद और पुणे योजना के अंतर्गत आते हैं. श्री गुप्ता ने कहा कि फेसलेस ई-असेसमेंट के लिए उठाए गए मामलों में व्यक्तियों, व्यवसायों, एमएसएमई के साथ-साथ बड़ी कंपनियों द्वारा दाखिल रिटर्न का मिश्रण शामिल है.