नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ईंधन कारोबार में उतार-चढ़ाव से बचाव (हेजिंग) के लिए अपने कारोबारी मॉडल को नए सिरे से तैयार कर रही है. इसके तहत कंपनी पेट्रोरसायन कारोबार पर अधिक ध्यान देगी.
खुद को भविष्य के लिए तैयार करने को कंपनी अपने पेट्रोल पंपों पर परंपरागत ईंधन पेट्रोल और डीजल की बिक्री के अलावा इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग और बैटरी अदला-बदली का विकल्प भी उपलब्ध कराएगी.
आईओसी के चेयरमैन श्रीकांत माधव वैद्य ने पीटीआई-भाषा से साक्षात्कार में कहा कि हमारा मकसद देश की ऊर्जा कंपनी बनने है. हम खुद को सिर्फ पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री तक सीमित नहीं करना चाहते.
देश के डीजल प्रभुत्व वाले पेट्रोलियम उत्पाद बाजार में आईओसी की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत है. कंपनी ने हाल में औद्योगिक प्रयोगकर्ताओं के लिए भिन्न प्रकार की एलपीजी पेश की है. इसमें आंच का तापमान परंपरागत रसोई गैस से 80 प्रतिशत अधिक रहता है. इससे समय की बचत तो होती ही है, साथ ही ईंधन में भी 5 से 8 प्रतिशत की बचत होती है.
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आईओसी ने इसके साथ ही हाइड्रोजन मिश्रण वाली (स्पाइक्ड) सीएनजी पेश की है. इससे भारत चरण चार (बीएस-4) वाहनों से बीएस-6 उत्सर्जन होता है.
वैद्य ने कहा, "अंतत: हमारा इरादा देश की ऊर्जा कंपनी बनने का है. हम सिर्फ पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री तक सीमित नहीं रहना चाहते."
उन्होंने कहा कि दुनिया बदल रही है. हम अपने पेट्रोल पंपों पर वाहन एलपीजी और परंपरागत ईंधन की बिक्री के अलावा ईवी चार्जिंग पॉइंट तथा बैटरी अदला-बदली स्टेशन लगाना चाहते हैं.
आईओसी अपने 76 पेट्रोल पंपों पर पहले ही ईवी चार्जिंग पॉइंट लगा चुकी है. इसके अलावा 11 पेट्रोल पंपों पर उसने बैटरी अदला-बदली सुविधाएं लगाई हैं. इसके साथ ही कंपनी विभिन्न अत्याधुनिक बैटरी प्रौद्योगिकियों का आकलन कर रही है. कंपनी की मंशा ईवी के लिए मेटल-एयर बैटरी विनिर्माण सुविधा लगाने की है.
वैद्य ने कहा कि सबसे बड़ी खुदरा कंपनी होने की वजह से आईओसी के समक्ष किसी नए खिलाड़ी से बाजार हिस्सेदारी गंवाने का खतरा रहता है. उन्होंने कहा, "हम इस बात को समझते हैं इसलिए हम अपने खुदरा कारोबार के तरीके पर विचार कर रहे हैं."