नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान उन्हें मुद्रास्फीति दो से छह प्रतिशत के निर्धारित दायरे में रहने की उम्मीद है और सरकार आवश्यक वस्तुओं के दाम में आने वाले उतार चढ़ाव पर लगातार नजर रखे हुए है.
रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति चार प्रतिशत पर बनाए रखने को कहा गया है. इसके साथ ही इसमें ऊपर-नीचे दो प्रतिशत तक घट-बढ़ की गुंजाइश भी रखी गई है.
वित्त मंत्री ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि मंत्री समूह खाद्य तेल, दाल, फल एवं सब्जियों जैसी आवश्यक वसतुओं के दाम में आने वाले उतार- चढ़ाव पर लगातार नजर रखे हुए हैं. उन्होंने इस बात को लेकर राज्यों की सराहना भी की कि वह जमाखोरी और कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सक्रिय होकर काम कर रहे हैं और उनका काफी सहयोगात्मक रुख रहा है.
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा उठाये गये विभिन्न कदमों के साथ यह उम्मीद है कि मुद्रास्फीति अनुकूल रहेगी और तय लक्ष्य के दायरे में बनी रहेगी.
सीतारमण ने आने वाले महीनों के दौरान राजस्व प्राप्ति भी बेहतर रहने का भरोसा जताया है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ माह के दौरान वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) और प्रत्यक्ष कर दोनों ही में सुधार आया है. उन्होंने कहा कि इस साल जीएसटी प्राप्ति में काफी सुधार हुआ है जिसके परिणामस्वरूप ऐसी संभावना है कि सरकार राज्यों को मुआवजा दे सकेगी.
यह पूछे जाने पर कि राज्यों को मुआवजा जुलाई 2022 के बाद भी जारी रहेगा, वित्त मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर जीएसटी परिषद फैसला करेगी.