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चालू वित्त वर्ष में मुद्रासफीति लक्षित दायरे में रहने की उम्मीद : सीतारमण

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उम्मीद जताई है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान मुद्रास्फीति दो से छह प्रतिशत के निर्धारित दायरे में रहेगी. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा उठाये गये विभिन्न कदमों के साथ यह उम्मीद है कि मुद्रास्फीति अनुकूल रहेगी और तय लक्ष्य के दायरे में बनी रहेगी.

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Published : Aug 17, 2021, 2:14 AM IST

सीतारमण
सीतारमण

नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान उन्हें मुद्रास्फीति दो से छह प्रतिशत के निर्धारित दायरे में रहने की उम्मीद है और सरकार आवश्यक वस्तुओं के दाम में आने वाले उतार चढ़ाव पर लगातार नजर रखे हुए है.

रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति चार प्रतिशत पर बनाए रखने को कहा गया है. इसके साथ ही इसमें ऊपर-नीचे दो प्रतिशत तक घट-बढ़ की गुंजाइश भी रखी गई है.

वित्त मंत्री ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि मंत्री समूह खाद्य तेल, दाल, फल एवं सब्जियों जैसी आवश्यक वसतुओं के दाम में आने वाले उतार- चढ़ाव पर लगातार नजर रखे हुए हैं. उन्होंने इस बात को लेकर राज्यों की सराहना भी की कि वह जमाखोरी और कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सक्रिय होकर काम कर रहे हैं और उनका काफी सहयोगात्मक रुख रहा है.

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा उठाये गये विभिन्न कदमों के साथ यह उम्मीद है कि मुद्रास्फीति अनुकूल रहेगी और तय लक्ष्य के दायरे में बनी रहेगी.

सीतारमण ने आने वाले महीनों के दौरान राजस्व प्राप्ति भी बेहतर रहने का भरोसा जताया है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ माह के दौरान वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) और प्रत्यक्ष कर दोनों ही में सुधार आया है. उन्होंने कहा कि इस साल जीएसटी प्राप्ति में काफी सुधार हुआ है जिसके परिणामस्वरूप ऐसी संभावना है कि सरकार राज्यों को मुआवजा दे सकेगी.

यह पूछे जाने पर कि राज्यों को मुआवजा जुलाई 2022 के बाद भी जारी रहेगा, वित्त मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर जीएसटी परिषद फैसला करेगी.

अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ने के बारे में उन्होंने कहा कि बाजार में तरलता अच्छी बनी हुई है और आगामी त्योहारी मौसम में ऋण वृद्धि बढ़ने की उम्मीद है. वित्त मंत्री ने कहा कि वह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों से अगले सपताह मुलाकात करेंगी और सरकार द्वारा घोषित विभिन्न योजनाओं के मामले में हुई प्रगति की समीक्षा करेंगी.

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अफगानिस्तान में भारत के निवेश के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस बारे में कोई भी टिप्पणी करना उनके लिये जल्दबाजी होगी.

वाणिज्य एव उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की विवादित टिप्पणी का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि 'उन्होंने छोटे व्यापारियों और व्यवसायियों को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की.' इसके पीछे उद्योगों से छोटे उद्योगों की मदद चाहने की स्पष्ट मंशा ही थी.

खबरों के मुताबिक गोयल ने उद्योग संगठन सीआईआई के एक सत्र में कहा था कि भारतीय उद्योगों का कामकाज राष्ट्रीय हित के खिलाफ जाता है.

(पीटीआई-भाषा)

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