नई दिल्ली: भारत कच्चे तेल की मांग वृद्धि के मामले में 2020 के मध्य तक चीन को पीछे छोड़ देगा. अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने शुक्रवार को यह अनुमान व्यक्त किया. एजेंसी ने कहा कि भारत को रणनीतिक कच्चा तेल भंडार बढ़ाने की जरूरत है.
एजेंसी के कार्यकारी निदेशक फतेह बिरोल ने कहा कि भारत का रणनीतिक कच्चा तेल भंडार उसके 10 दिन के आयात के बराबर है. यह मुश्किल दिनों के हिसाब से पर्याप्त नहीं है. आईईए का अनुमान है कि भारत की कच्चा तेल मांग 2017 के 44 लाख बैरल प्रति दिन से बढ़कर 2024 में 60 लाख बैरल प्रतिदिन पर पहुंच जाएगी. वहीं चीन की मांग वृद्धि 2020 के मध्य तक भारत की तुलना में कुछ कम रह जाने का अनुमान है.
एजेंसी ने यहां जारी 'भारत 2020 ऊर्जा नीति समीक्षा' में कहा, "भारत कच्चा तेल का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता, कच्चा तेल का चौथा सबसे बड़ा परिशोधक और परिशोधित पेट्रोलियम उत्पादों का शुद्ध निर्यातक है. भारत की कच्चा तेल मांग में वृद्धि के मध्य 2020 तक चीन से अधिक हो जाने का अनुमान है, इससे भारत परिशोधन क्षेत्र में निवेश करने के लिये आकर्षक बाजार बन जाएगा."
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