नई दिल्ली: भारतीय पर्यटन और आतिथ्य में संघों के संघ ने रविवार को कहा कि भारतीय पर्यटन उद्योग "अविश्वास और सदमे की स्थिति में चला गया है." यह भारत के संपूर्ण पर्यटन, यात्रा और आतिथ्य उद्योग का प्रतिनिधित्व करने वाले सभी राष्ट्रीय संघों का नीति महासंघ है.
उन्होंने कहा, "पर्यटन उद्योग सरकार के किसी दिशा या राजकोषीय और मौद्रिक समर्थन के अभाव में सुन्न हो गया है." उद्योग निकाय ने कहा, "भारतीय पर्यटन उद्योग सदमे और अविश्वास की स्थिति में चला जाता है क्योंकि पर्यटन का समर्थन करने के लिए कोई घोषणा नहीं की गई थी, 10 सप्ताह तक लगातार चर्चाएं शून्य होती हैं और उद्योग दिशाहीन हो गया है."
नकदी की आमद नहीं होने से भारतीय पर्यटन उद्योग अब बड़े पैमाने पर दिवालिया होने, व्यवसाय बंद होने की स्थिति में है, जिससे भारत के शहरों, कस्बों और भीतरी इलाकों में नौकरी का नुकसान होगा. इसमें भारतीय पर्यटन, यात्रा और आतिथ्य उद्योग को कई वर्ष पीछे धकेल देने की क्षमता है.
निकाय ने कहा कि भारतीय पर्यटन उद्योग 5 दिनों में घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज से पर्यटन के लिए अस्तित्व के उपायों के गहरे सेट की तलाश कर रहा था, जो कि संबोधित नहीं किए गए.