पिथौरागढ़: हिमालयन वियाग्रा के नाम से प्रसिद्ध कीड़ा जड़ी कई गंभीर बीमारियों के काम आता है. जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय मार्केट में लाखों में हैं. हिमालयन कीड़ाजड़ी यारसागम्बू दोहन के मामले में भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर है, लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि हमारे देश में इसका उपयोग नहीं के बराबर ही होता है. चीन में 95 फीसदी यारसागम्बू का उपयोग होता है, जबकि भारत में 2 फीसदी, नेपाल में डेढ फीसदी और भूटान में आधा फीसदी ही होता है. जीबी पंत हिमालय पर्यावरण एवं विकास संस्थान ने स्टडी में ये पाया गया कि इसका इस्तेमाल चाइना में 61 फीसदी, ताइवान में 17, हांगकांग में 5 और भारत में मात्रा 2 फीसदी हो रहा है.
यारसागम्बू हिमालयी क्षेत्रों में तीन से पांच हजार मीटर की ऊंचाई वाले बर्फीले पहाड़ों पर पाई जाती है. जिसका दोहन हर साल बड़े पैमाने पर होता है. हिमालय वियाग्रा ने नाम से प्रसिद्ध इस जड़ी बूटी का साइंटिफिक नाम कोर्डिसेप्स साइनेसिस (Caterpillar fungus) है. करीब 5 हजार मीटर की ऊंचाई पर होने वाला यारसागम्बू कई मायनों में कारगर है. ये जड़ी बूटी शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने में भी मददगार है. जीबी पंत पर्यावरण संस्थान की स्टडी के मुताबिक बायोकेमिकल के तौर पर इसका सबसे अधिक उपयोग चाइना कर रहा है, जबकि ताइवान में इसका बिलकुल भी उपयोग नहीं हो रहा है, वो दूसरे नंबर पर है. मोलेक्यूलर बायलॉजी के क्षेत्र में भी चीन पहले पायदान पर है, दूसरे में जापान और तीसरे में भारत है.
इकोलॉजी में भी पहले नंबर पर चाइना दूसरे में ताइवान और तीसरा नंबर भारत का आता है. नंबर ऑफ स्टडीज की बात करें तो, चाइना ने इसको लेकर 480 अध्ययन कर लिए हैं, जबकि ताइवान ने 76, जापान ने 50 और भारत ने सिर्फ 43 अध्ययन किए हैं. जीबी पंत संस्थान की स्टडी से साफ है कि भारत को अभी भी इस दिशा में काफी काम करने की जरूरत है. ताकि देशवासियों को इस बेशकीमती कीड़ा जड़ी का पूरा फायदा मिल सकें.
उच्च हिमालई क्षेत्रों पाई जाती है कीड़ा जड़ी
भारत और नेपाल के उच्च हिमालई क्षेत्रों में इसका बड़े स्तर पर कारोबार किया जाता है. दुनिया का सबसे बड़ा फंगस कीड़ा (जड़ी) कई गंभीर बीमारियों के काम आता है. कैंसर सहित कई रोग में कारगर साबित हो चुकी कीड़ा जड़ी करीब 3600 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में ही मिलती है. कीड़ा जड़ी भारत के अलावा नेपाल, चीन और भूटान के हिमालय और तिब्बत के पठार इलाकों में भी पाई जाती है.
प्रदेश में इन जिलों मिलती है कीड़ा जड़ी